Authorisation Certificates for Car Dealers : Second Hand कार खरीदने के नियमों में बदलाव, बड़े फ्रॉड से ऐसे बचेंगे ग्राहक : सेकेंड हैंड कारों की बिक्री भी जमकर हो रही है. नई कारों की बढ़ती कीमतों और लंबे वेटिंग पीरियड के चलते ग्राहकों ने सेकंड हैंड मार्केट का रुख किया है. इसके लिए ढेरों ऑनलाइन और ऑफलाइन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो गए हैं. हालांकि पुरानी कार खरीदते समय ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के कई मामले सामने आते रहते हैं. ऐसे में किसी भी डीलर की प्रामाणिकता की पहचान करने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक नया रास्ता निकाला है. ऐसे डीलर्स की पहचान के लिए एक अधिकार प्रमाणपत्र पेश किया है. मंत्रालय के इस कदम से धोखाधड़ी कम होगी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा.
मंत्रालय ने इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के अध्याय तीन में संशोधन किया है. इस बाबत उसने 22 दिसंबर को अधिसूचना जारी की थी. अधिसूचना के मुताबिक, पंजीकृत मालिक और डीलर के बीच वाहन की डिलीवरी की सूचना देने की प्रक्रिया को विस्तृत किया गया है. भारत में पुरानी कारों का बाजार धीरे-धीरे पैर जमाता जा रहा है। हाल के वर्षों में, पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री करने वाले ऑनलाइन मार्केटप्लेस शुरू होने से इस बाजार को और बढ़ावा मिला है।
अधिसूचना के मुताबिक अब डीलरों को मोटर वाहनों के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यू, फिटनेस प्रमाणपत्र के रिन्यू, डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, एनओसी, RC ट्रांसफर के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया गया है. इसमें कहा गया कि इन नियमों से पंजीकृत वाहनों के डीलरों/मध्यस्थों की पहचान करने और उन्हें सशक्त बनाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा ऐसे वाहनों की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की गतिविधियों से पर्याप्त सुरक्षा हो सकेगी. नए नियम एक अप्रैल 2023 से प्रभाव में आएंगे.