ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। Hangover Cures : क्रिसमस से नए साल तक पार्टी चलती रहती है। लोग वेकेशन पर रहते हैं। यानी पार्टी मोड ऑन, वर्क मोड ऑफ। जाहिर सी बात है कि इस तरह की पार्टी और वेकेशन वाइन-विस्की के बिना कम्प्लीट नहीं होती। सेलिब्रेशन के बाद होता है हैंगओवर। हैंगओवर सिर्फ दारू पीने वालों को नहीं होता। हैंगओवर हॉलीडे का भी होता है। जिसकी वजह से हॉलीडे से वापस आने के बाद लोगों का मन काम पर नहीं लगता।
आज जरूरत की खबर को दो हिस्सों में बांटेंगे। पहले हिस्से में ड्रिंक के बाद होने वाले हैंगओवर से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताएंगे। दूसरे हिस्से में बताएंगे कि हॉलीडे मूड को वर्क मूड में कैसे रिचार्ज कर सकते हैं…
शुरुआत करते हैं पहले हिस्से से
हैंगओवर क्या होता है?
पार्टी में आप जमकर ड्रिंक करते हैं, दूसरे दिन आपको कुछ ठीक नहीं लगता। कुछ लोगों को सिर दर्द, थकान, आंखों में भारीपन जैसी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। ड्रिंक से होने वाले इन्हीं इफेक्ट्स को हैंगओवर कहते हैं।
इन 4 कारणों से होता है हैंगओवर
- खाली पेट अल्कोहल लेने से
- बिना पानी मिलाएं ड्रिंक से
- शराब में मिलाए जाने वाले कॉन्जेनर्स से
- कैपेसिटी से ज्यादा ड्रिंक
हैंगओवर उतारने के लिए अपनाएं ये 5 उपाय
केला खाएं– केला शरीर के इलेक्ट्रोलाइट को बेहतर रखता है। जैसे ही हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का स्तर कम होता है, थकान, सिरदर्द, मतली, मांसपेशियों में ऐंठन और ऊर्जा में कमी जैसी समस्या होती है। केला इससे बचाता है।
कॉफी पिएं: थॉमस जेफरसन यूनिसर्विटी के सर्वे के मुताबिक हैंगओवर को कम करने में कॉफी या चाय पीना भी फायदेमंद हो सकता है।थकान और सिरदर्द को दूर करता है।
नींबू पानी पिएं: हैंगओवर को कम करने के लिए नींबू पानी खूब पिएं। यह शराब के नशे को कम कर सकता है। इसके अलावा सिट्रिक फल खाना भी फायदेमंद हो सकता है।
दही खाएं: यह शरीर में मौजूद बैड बैक्टीरिया को गुड बैक्टीरिया में बदल देता है। इससे हैंगओवर का असर कम होता है।
नारियल पानी पिएं: नारियल पानी में भी इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, बॉडी को हाइड्रेट करते हैं। ये जरूरी न्यूट्रिएंट प्रोवाइड करते हैं।
अल्कोहल और अल्कोहल इनटॉलरेंस में क्या अंतर है?
अल्कोहल एलर्जी होने पर शराब को आपका शरीर प्रतिरोधक क्षमता तरह देखता है। इससे अलग तरह के प्रोटीन और हार्मोन बनने लगते हैं। इन हार्मोन्स की वजह से शरीर में एलर्जिक रिएक्शन दिखना शुरू हो जाते हैं।
वहीं अल्कोहल इनटॉलरेंस का मतलब शराब हजम न हो पाना। इसमें शराब पीने के बाद आपका डाइजेस्टिव सिस्टम सही से काम नहीं करेगा। पेट खराब, रैशेज, पेट में जलन, बुखार जैसे सिम्टम्स दिखेंगे। यह अल्कोहल एलर्जी से ज्यादा खतरनाक है।
इन उपायों से हो सकते है चार्ज
2 जनवरी यानी आज से वेकेशन के बाद आपको ऑफिस जॉइन करना है। काम पर लौटने के नाम पर आपको भी अगर पोस्ट वेकेशन सिंड्रोम हो रहा है। तो पढ़ें किस तरह खुद को चार्ज कर अपने काम में फुर्ती से जुट सकते हैं
क्या है पोस्ट वेकेशन सिंड्रोम?
छुट्टी पर जाना या काम से ब्रेक लेना आपकी रेगुलर लाइफ में एक बड़ा बदलाव हो सकता है। इसलिए जब आप काम, स्कूल और अपनी जिम्मेदारियों पर वापस जाते हैं तो उदास होना और काम पर न लौटने की फीलिंग आती है। यह फीलिंग वैसे तो आम है।
जब यह फीलिंग डर में बदलने लगे, यानी आपको लगे कि ऑफिस नहीं जाते ताे अच्छा होता। आपका ध्यान बार-बार उस जगह पर जाएं, जहां आप घूमने गए थे तो इसे ही पोस्ट-वेकेशन ब्लूज या पोस्ट-वेकेशन डिप्रेशन के रूप में जाना जाता है। सरल भाषा में समझें तो ट्रैवल हैंगओवर को पोस्ट वेकेशन सिंड्रोम कहते हैं।
छुट्टी के बाद काम पर वापस जाना मुश्किल क्यों लगता है?
छुट्टी के बाद काम पर लौटना इन वजहों से लगता है मुश्किल…
- आपको काम के प्रेशर का डर लगा रहता है।
- वेकेशन के पहले जो भी काम बीच में छूट गए थे, वापस जाकर वो भी पूरे करने होंगे।
- जिनके रिलेशन कलीग यानी साथ काम करने वालों के साथ अच्छे नहीं होते, उन्हें काम पर वापस लौटना अच्छा नहीं लगता।
- जिनके रिश्ते बॉस के साथ अच्छे नहीं, उनके मन में इच्छा होती है कि वेकेशन के दौरान ही दूसरी जॉब मिल जाती तो इस वाले बॉस की शक्ल देखनी नहीं पड़ती।
- छुट्टियों के दौरान जो काम आपने नहीं किया वो इकट्ठा हो गया होगा। इसलिए अब दोगुना काम करना होगा।
वेकेशन के बाद नॉर्मल होने में कितना समय लगता है?
वेकेशन के बाद एक आम इंसान को नॉर्मल होने में दो हफ्तों तक का समय लग सकता है। हांलाकि तीन दिन के अंदर लोग अपना पुराना रूटीन फॉलो करने लगते हैं। अगर आप छुट्टियां मनाने के लिए किसी दूसरे देश गए हैं तो जेट-लेग के कारण कई दिन तक नींद डिस्टर्ब रह सकती है।
खराब पेट कैसे ठीक करें?
वेकेशन से लौटने के बाद खराब पेट और हेल्थ को इन 7 टिप्स के साथ ट्रीट करें…
- खूब पानी पिएं। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहेगा और जरूरी न्यूट्रिएंट्स भी एब्जॉर्ब हो सकेंगे।
- प्रोसेस्ड फूड की जगह घर का खाना खाएं। मोटा अनाज प्रेफर करें।
- ज्यादा से ज्यादा फाइबर खाने की कोशिश करें।
- प्रोबॉयोटिक फूड़ जैसे दही, किमची, आचार आदि खाएं। इससे डाइजेशन ठीक रहेगा।
- एक्सरसाइज करते रहें और एक्टिव रहें।
- स्ट्रेस न लें और मेडिटेशन करें।
- कुछ भी खाने से पहले उसका क्वालिटी चेक कर लें।