उत्तराखंड। NATIONAL NEWS : हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बसी वनभूलपुरा बस्ती को खाली कराने के मामले में लोगों में आक्रोश के बीच अनशन और अपील का दौर शुरू हो गया है। सीएम हरीश रावत मामले को लेकर हल्द्धानी में उपवास पर बैठे। रावत ने कहा कि पुराने समय से रह रहे लोगों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है। सरकार योजनाबद्ध तरीके से इनका पुनर्वास कर सकती है। लोग हल्द्वानी में करीब 60 से 70 वर्षों से रह रहे हैं, उन घरों को तोड़ने का आदेश न्यायालय की ओर से हो गया है। इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
वनभूलपुरा क्षेत्र में अपने आशियाने बचाने के लिए महिलाओं के दुआ मांगने का दौर बुधवार को भी जारी रहा। उधर, भाकपा माले, ट्रेड यूनियन ऐक्टू, आंबेडकर मिशन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन, उत्तराखंड सर्वोदय मंडल, भीम आर्मी, मूल निवासी संघ, शिल्पकार वेलफेयर सोसायटी, प्रगतिशील महिला एकता मंच, छात्र संगठन आइसा, पछास से जुड़े लोगों ने बुद्ध पार्क में धरना दिया। शहर में विभिन्न संगठनों ने धरना देते हुए सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होने वाली सुनवाई में प्रदेश सरकार से पैरवी करने की अपील की है।
पूरा मामला-
रेलवे भूमि पर अतिक्रमण हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया है। इसमें रेलवे स्टेशन से 2.19 किमी दूर तक अतिक्रमण हटाया जाना है। जारी नोटिस में कहा गया है कि हल्द्वानी रेलवे स्टेशन 82.900 किमी से 80.710 किमी के बीच रेलवे की भूमि पर सभी अनाधिकृत कब्जों को तोड़ा जाएगा। सात दिन के अंदर अतिक्रमणकारी खुद अपना कब्जा हटा लें, अन्यथा हाईकोर्ट के आदेशानुसार अतिक्रमण तोड़ दिया जाएगा। उसका खर्च भी अतिक्रमणकारियों से वसूला जाएगा। अतिक्रमण तोड़ने के दौरान अगर गिरफ्तार करने की नौबत आई तो इसके लिए ऊधमसिंह नगर में जेल बनाने की योजना बनाई जा रही है। गुरुतेग बहादुर स्कूल में दो कंपनी पीएसी पहुंची है।