लखनऊ। उत्तरप्रदेश सरकार राज्य के कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लेने जा रही है। जहां एक तरफ देशभर में रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाने की मांग की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश शासन द्वारा इसे लेकर तैयारी कर ली गई है। अभी सेवानिवृत्ति होने की उम्र 62 से बढ़कर 65 करने की तैयारी है। प्रशासन ने 3 साल रिटायर होने की उम्र को 3 साल बढ़ाने वाला प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसके साथ ही 70 साल तक किए जाने को लेकर भी प्रस्ताव तैयार किया गया है।
सेवा नियमावली 2020 में बदलाव की मांग
उत्तर प्रदेश के प्रांतीय चिकित्सा शिक्षा संबंधी डॉक्टर की सेवानिवृत्ति आयु 70 वर्ष किए जाने का विरोध शुरू हो गया है। पीएमएस एसोसिएशन ने चिकित्सा और स्वास्थ्य महानिदेशक लिली सिंह को पत्र भेजा है। वही सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की वजह सेवा नियमावली 2020 में बदलाव की मांग कर दी है। रिटायरमेंट आयु को बढ़ाए जाने की बजाय नियमावली को बदला जाना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि पुरानी सेवा नियमावली 2004 में पदोन्नति की अच्छी व्यवस्था थी उसे फिर से लागू किया जाना चाहिए।
सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 करने के प्रस्ताव
डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 करने के प्रस्ताव की कड़ी निंदा की गई है। इसके साथ ही महानिदेशक चिकित्सा और स्वास्थ्य को अभ्यावेदन भेजा गया है। जिसमें कहा गया कि प्रस्ताव इस धारणा पर आधारित है कि वरिष्ठ डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति कारण शासकीय अस्पताल में चल रहे। पीजी पाठ्यक्रम में डॉक्टरों की कमी देखी जा रही है। वरिष्ठ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने का फैसला किया गया। बात यह है कि कभी स्तर एक और दो पर डॉक्टरों की पदोन्नति में देरी के कारण उत्पन्न हुई है। समय पर पदोन्नति से समस्या का समाधान किया जा सकता है लेकिन सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
2020 में शुरू की गई नई सेवा नीति
डॉक्टरों की इस स्थिति के लिए दिसंबर 2020 में शुरू की गई नई सेवा नीति बड़ी जिम्मेदार है। बड़े स्तर पर डॉक्टरों के 3620 पद हैं और इस स्तर पर पहले ही 5904 लोग काम कर रहे हैं। यदि एक स्तर पर उचित पदोन्नति की जाती है तो हमारे पास से 916 रिक्तियां होगी और नई नियुक्ति की जा सकेगी। ऐसे में सरकार को सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाए जाने का विचार त्याग कर डॉक्टरों को पदोन्नति दिया जाना चाहिए।
प्रस्ताव भेज विभाग से मांगी राय
डॉक्टर ने स्पष्ट कहा है कि यदि नियमावली में बदलाव किया जाता है तो डॉक्टरों की कमी पूरी हो जाएगी। इससे पूर्व चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु को बनाए जाने का फैसला किया गया था। सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 किए जाने की तैयारी की गई है। वहीं इसे 70 वर्ष तक बढ़ाए जाने की तैयारी है। जिस पर राज्य शासन द्वारा प्रस्ताव भेज कर विभाग से मामले में राय मांगी गई थी।