मध्यप्रदेश : MP News : MP के बालाघाट जिले के दो गांव में सभी ग्रामीणों को एक जैसा बिजली बिल आने से लोग बेहद परेशान है। वनग्राम खारा और पोलबत्तुर दो ऐसे गांव है जहां पर बिजली बिल इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। इन दोनों गांव में करीब 150 आदिवासी परिवार रहते है। यहां के कुछ घरों के मीटर बंद है फिर भी बिल घरों तक पहुंच रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब मीटर बंद है तो फिर उन्हें बिजली बिल किस हिसाब से घर तक पहुंच रहा है।
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यहां के रहवासी सौर ऊर्जा के जरिए अपने घरों में रौशनी लाते हैं और मोबाइल को चार्ज करते है। इस गांव के ग्रामीणों को बिजली का बिल एक जैसे आते है, जो सोचने वाली बात है. ग्रामीण एक समान कैसे बिजली का उपयोग करेंगे। जिससे की उन्हें बिल भी एक जैसे ही आता है।
बिजली ना होने से रात में जंगली जानवरों का डर
ग्रामीण राजेश भलावी ने बताया कि गांव में बिजली ना होने से अक्सर हमें रात अंधेरे में ही गुजारनी पडती है। गांव घने जंगल में बसा है जिसकी वजह से बिजली ना होने से हमे हिसंक जानवरों का भी डर सताता है। गांव में जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना की पाइप लाइन बिछाई गई और घरों में कनेक्शन भी जोड़ दिये गये है। लेकिन बिजली ना होने से यह योजना भी ठप है।
ना बल्ब जलते हैं और ना ही पंखे चलते हैं
बिजली विभाग के मुख्य अभियंता एम.ए. कुरैशी ने बताया कि खारा और पोलबत्तुर में जंगल से केबल गई है। जहां पेड़ ही टहनिया टूटने से केबल भी टूट जाती है और अब तो ज्वाइंट भी काफी हो गये है। ऐसे में वोल्टेज भी कम मिलता है। ग्रामीणों के मोबाइल चार्ज हो पाते है, ना बल्ब जलते और ना ही पंखे चल पाते हैं।
ग्रामीणों को एक जैसा बिल आने के सवाल पर उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि एक साथ ग्रामीणों ने बिल जमा किया होगा। जिसकी वजह से इस तरह से उन्हें बिल आता है। रही बात मीटर खराब होने की तो इसकी जानकारी हमें भी है और इसी कारण उनकी एक जैसी ही अनुमानित बिलिंग हो जाती है।