कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में जारी भारत जोड़ो यात्रा अपने अंतिम पड़ाव के करीब है। यात्रा इन दिनों पंजाब से होकर गुजर रही है और अनुमान है कि 19 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में दाखिल होगी। भारत जोड़ो यात्रा ने अब तक जिस तरह से मीडिया की सुर्खियां बटोरी हैं उससे निश्चित तौर पर कांग्रेसी उत्साहित होंगे। माना जा रहा है कि यात्रा के प्रति कुछ इसी तरह का समर्थन जम्मू में भी देखने को मिल सकता है। इसे लेकर कांग्रेसियों की ओर से पूरी तैयारी की जा रही है। राहुल गांधी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर जम्मू-कश्मीर मार्च के दौरान रास्ते में ही तिरंगा फहराएंगे।
कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर मामलों की प्रभारी रजनी पाटिल ने भारत जोड़ो यात्रा के 19 जनवरी को लखनपुर पहुंचने की उम्मीद जताई है। साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से इसे सफल बनाने की अपील की है। पाटिल ने कुछ दिनों पहले ही जम्मू में भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी और पूरी व्यवस्था की समीक्षा की थी। इस दौरान उन्होंने पार्टी के सीनियर नेताओं को सलाह दी कि वे खराब मौसम और भीषण ठंड के बावजूद यात्रा को ऐतिहासिक कार्यक्रम बनाने में कोई कसर न छोड़ें। उन्होंने लखनपुर से जम्मू और आगे यात्रा के लिए तैयारियों और व्यवस्थाओं का जायजा लिया, जिसमें लामबंदी, परिवहन और आवास आदि शामिल हैं।
कई दिग्गज नेता यात्रा में होने वाले हैं शामिल
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह जैसे दिग्गज नेता भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने वाले हैं, जिसकी जानकारी ये लोग पहले ही दे चुके हैं। बीजेपी और उसके सहयोगियों या समान विचारधारा वाले दूसरे दलों को छोड़कर लगभग सभी पार्टियों के यात्रा में भाग लेने की संभावना है। भाजपा, गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व वाली डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस को छोड़कर यात्रा में भाग लेने के लिए 21 पार्टियों को न्योता भेजा गया है। एनसी, पीडीपी, शिवसेना और माकपा के नेता यात्रा में शामिल होने के लिए सहमत हो गए हैं। पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती खुद कश्मीर में इसमें शामिल होंगी।
जम्मू में अन्य पार्टी के कार्यकर्ताओं का मिलेगा साथ!
यह सही है कि कुछ दलों के नेता कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे, मगर केंद्र शासित प्रदेश में उनका व्यापक समर्थन आधार है। इसे देखते हुए कह सकते हैं कि ऐसी पार्टियों के कार्यकर्ता और समर्थक जम्मू में भी यात्रा का हिस्सा बन सकते हैं। इसके अलावा कांग्रेस यात्रा में भाग लेने के लिए हर तहसील से अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जुटा रही है। लखनपुर में यात्रा में फारूक अब्दुल्ला और लाल सिंह के शामिल होने से इसे प्रभावशाली शुरुआत मिलेगी। जम्मू संभाग के मैदानी इलाके भाजपा के गढ़ माने जाते हैं। उधमपुर लोकसभा क्षेत्र में कठुआ भी आता है। पीएमओ में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में यहां से जीत दर्ज की है। साफ है कि जम्मू में भाजपा के गढ़ में कांग्रेस काफी जोर लगाती दिख रही है।
बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस का फोकस
जम्मू संभाग के मैदानी इलाकों उधमपुर, राजौरी, नौशेरा, कालाकोट से लेकर कठुआ तक बीजेपी ने बड़े पैमाने पर जन समर्थन हासिल किया है। केंद्र में सत्ताधारी पार्टी हाल के सालों में इन इलाकों में और अधिक मजबूत होती दिखी है। भाजपा ने साल 2014 के विधानसभा चुनाव में पहली बार 28 सीटें जीती थीं और पीडीपी के साथ गठबंधन में सरकार बनाई थी। यह पहला मौका था जब बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में सत्ता के गलियारों में प्रवेश किया। हालांकि, भगवा पार्टी में कई लोग स्वीकार करते हैं कि फारूक अब्दुल्ला हिंदू बहुल इलाकों में अभी भी पकड़ रखते हैं। ऐसे में अब्दुल्ला और दूसरे दिग्गज नेताओं के भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ने का कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। खासतौर से जम्मू में कांग्रेस का जन समर्थन बढ़ने की उम्मीद है।