छत्तीसगढ़ के सभी 170 नगरीय निकायों में आगामी छह फरवरी को एक दिन के लिए सफाई, पानी, बिजली आपूर्ति सहित अन्य प्रशासनिक कार्य बाधित रह सकते हैं, क्योंकि नगरीय निकायों में प्लेसमेंट पर तैनात सभी कर्मचारी ठेका प्रथा बंद कर नियमितीकरण की मांग को लेकर छह फरवरी को महाधरना देने जा रहे हैं।
दरअसल शासन ने नियमितीकरण की प्रक्रिया अपनाई है, जिसमें नगरीय निकायों के प्लेसमेंट कर्मचारियों की जानकारी अभी तक नहीं ली गई है। मंत्रालय से जानकारी देने के लिए फार्मेट अन्य विभागों में भेजा गया है, वह अभी निकायों में नहीं आया है। वहीं शासन ने करीब 45 हजार अनियमित मांग-पत्र कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सूची तैयार कर ली है। इसमें निकायों के एक भी कर्मचारी शामिल नहीं हैं।
जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर के 170 निकायों में करीब 25 हजार कर्मचारी प्लेसमेंट पर तैनात है। इनमें से अधिकतर ऐसे हैं, जो 10.15 साल से प्लेसमेंट पर ही काम कर रहे हैं। छग नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय ऐडे ने बताया कि ठेका प्रथा बंदकर नियमितीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री समेत सभी विभागीय मंत्री, तीन केबिनेट मंत्रियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
इससे बस्तर और जशपुर के नगरीय निकायों में तैनात प्लेसमेंट कर्मचारियों में सबसे ज्यादा आक्रोश है। इन इलाकों के निकायों में सफाई, पानी, बिजली सहित अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए प्लेसमेंट पर बड़ी संख्या में कर्मचारी तैनात हैं। इसी तरह रायपुर नगर निगम में भी करीब पांच हजार कर्मचारी प्लेसमेंट पर तैनात हैं, जिसमें सफाई, पानी, बिजली और कंप्यूटर आपरेटर का काम शत-प्रतिशत यही लोग संभाल रहे हैं।