नई दिल्ली। Republic Day 2023 : भारत के 74वें गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी भारत के 74 वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रपति अल-सिसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर भारत का दौरा कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह पहली बार है कि अरब गणराज्य मिस्र के राष्ट्रपति को हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।” मिस्र की सेना की एक सैन्य टुकड़ी भी गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगी। भारत यात्रा के दौरान, अब्देल आज पीएम मोदी के साथ एक बैठक करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच करीब 6 समझौते होने की उम्मीद हैं। इस बैठक में शामिल होने के लिए मिस्र के राष्ट्रपति सीसी के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है, जिसमें 5 मंत्री और सीनियर अधिकारी शामिल हैं।
मिस्र के राष्ट्रपति मंगलवार शाम 6 बजे भारत पहुंचे। पीएम मोदी ने ट्वीट कर उनका देश में स्वागत किया। उन्होंने लिखा, राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी का भारत में गर्मजोशी से स्वागत है। हमारे गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में भारत की आपकी ऐतिहासिक यात्रा सभी भारतीयों के लिए बेहद खुशी की बात है। कल हमारी चर्चा के लिए तत्पर हैं।’
पीएम मोदी के अलावा अब्देल फतेह यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे।
इतिहास की बात और देश हित
आजादी के बाद का इतिहास देखें तो ये पहली बार होगा जब इजिप्ट का कोई लीडर रिपब्लिड डे सेरेमनी में चीफ गेस्ट बन रहा है। अरब देशों में उसकी आबादी सबसे ज्यादा (करीब 10.93 करोड़) है। इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) में इजिप्ट आतंकवाद और कट्टरता के खिलाफ सबसे बड़ी आवाज है। भारत और इजिप्ट के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन एस्टेबिलिश हुए भी 75 साल हो चुके हैं। अरब देशों में भारतीयों की बहुत बड़ी तादाद है। यहां इंडियन डायस्पोरा न सिर्फ मजबूत है, बल्कि उसका काफी सम्मान भी है। सऊदी अरब और UAE के बाद अब भारत पूरे अरब वर्ल्ड में साख बनाना चाहता है।
सभी गल्फ कंट्रीज और खासतौर पर सऊदी अरब, UAE और बहरीन से भारत के बहुत अच्छे संबंध हैं। इनके इजिप्ट से भी करीबी रिश्ते हैं। लिहाजा, भारत खाड़ी देशों में बड़ी मिलिट्री, IT और टेक्नो पावर बन सकता है। यहां चीन भी पैर पसारने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देश चाहते हैं कि भारत यहां बड़ा रोल प्ले करे।