गरियाबंद- 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर नन्हे समर्थ ने लगातार 1:22सेकेंड ऐसा स्पीच दिया लोगो देखते ही रह गए भाषण के दौरान कभी देशभक्ति की बाते करता रहा तो कभी नन्हा समर्थ गीता के श्लोक सुनाते रहा छोटे से बच्चे के जुबा से धल्लडे से निकलते शब्द ऐसा लगा मानो कोई एक युवा व्यक्ति आपके सामने भाषण पढ़ रहा हो, 11 वर्षीय समर्थ देवागंन का यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है,
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गरियाबंद- 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर नन्हे समर्थ ने लगातार 1:22सेकेंड ऐसा स्पीच दिया लोगो देखते ही रह गए भाषण के दौरान कभी देशभक्ति की बाते करता रहा तो कभी नन्हा समर्थ गीता के श्लोक सुनाते रहा छोटे से बच्चे के जुबा से धल्लडे से निकलते शब्द ऐसा लगा मानो कोई एक युवा व्यक्ति आपके सामने भाषण पढ़ रहा हो, 11 वर्षीय समर्थ देवागंन का यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है,जब हमारी टीम ने इस वायलर वीडियो को ले कर उनके पिता सौरभ देवागंन से बात की तो उन्होंने ने बतलाया, यह वीडियो उनके कालोनी में हो रहे 26 जनवरी गणतन्त्र दिवस की कार्यक्रम की है उन्होंने ने बतलाया समर्थ को शुरू से ही देशभक्ति और राजनीति पर भाषण देना और देशभक्ति की बाते सुनना बेहद पसंद है,इसका एक मुख्य कारण ये भी है हमारे परिवार में राजनीति का जुड़ाव रहा है जहां हमारे दादा जी स्वर्गीय श्री तीजूराम देवांगन लगातार कई वर्षों तक गरियाबंद के सरपंच रहे और जानता की सेवा करते रहे वही मेरे पिता जी और समर्थ के दादा जी श्री नरेंद्र देवागंन पेशे से एक वकील है साथ ही बार ऐशोशियन के अध्यक्ष है साथ ही उन्हें गरियाबंद के राजनीति के गुरु भी माने जाते है वे स्वर्गीय श्री श्याम चरण शुक्ल के काफ़ी करीबी रहे है,घर में हमेशा से देशभक्ति धार्मिक और राजनीतिक माहौल रहा है समर्थ इन्ही सब के बीच में पला बढ़ा है नेताओ के जैसा ड्रेस पहनना और उनकी तरह बाते करना उसे बेहद पसंद है समर्थ कहता है उसे भी चाचा नेहरू महात्मा गांधी की तरह बनाना है और देश को सेवा करना हैसमर्थ अपने दादा जी नरेंद्र देवागंन के बेहद क़रीब है कभी भी किसी भी प्रोग्राम अपने दादा के साथ जाना बेहद पसंद है और पूरे कार्यक्रम तक बिलकुल साथ में रहना एक एक एक्टिविटी पर ध्यान देना और घर आ कर उन सभी चीजों को दोहराना उसे काफ़ी पसंद है रोज़ अपने दादा जी के साथ सुबह गीता पढ़ना और भजन करना उसके दिनचर्या में शामिल है उसे गीता के कई श्लोक मू ज़ुबानी याद है जहाँ बच्चे आज कल मोबाइल देखना गेम खेलने में रुची दिखाते है समर्थ को देश की आज़ादी में शाहिद हुए जवानों और नेताओं के बारे में उनकी कहानी क़िस्से पढ़ना सुनना और ऊनके बारे में जानाना बेहद पसंद है,