health news : आजकल लड़के- लड़कियों के बीच प्यार, मोहब्बत होना आम बात हो गई है. जब दो दिल एक जान बन जाते हैं तब दो जिस्म भी एक होना चाहते हैं. एक दूसरे की शरीर अपने आप ही सामने वाले को एक्सेप्ट कर लेती है. लेकिन पहली बार शारीरिक संबंध बनाने की उत्सुकता जितनी होती है. उतनी ही एक वर्जिन लड़की को डर भी उतना ही अधिक होता है. जिससे हो सकता है वह पहली बार के समय पूरा एंजॉय ना कर पाए. ऐसे में लड़की को सही एडवाइज उसकी जिंदगी की नई शुरुआत को बेहतर बना सकती है और परेशानियों से भी बचा सकती है.
- शादी के समय लड़का-लड़की को सेक्स एजुकेशन देना उतना ही ज़रूरी है जितना उसे नए जीवन की शुरुआत करते हुए माता-पिता रहन-सहन का तौर-तरीका सिखाते हैं. सेक्स को लेकर हम बेटी को या बेटे को एजुकेट करना ज़रूरी ही नहीं समझते. क्योंकि इस स्तर पर बात करना तो दूर, हम सोचते भी नहीं. हमें ये ज़रूरी ही नहीं लगता. सेक्स आज भी हमारे समाज में टैबू है. लेकिन सच तो ये है कि हर लड़का और लड़की को सेक्स एजुकेशन से जुड़ी ये पांच बातें ज़रूर जाननी चाहिए.
- पहला सुहागरात को लेकर लड़के-लड़कियों में कई गलत धारणाएं प्रचलित हैं. फिल्मों से अधिकतर लोग प्रभावित रहते हैं. कई बार दोस्त या इंटरनेट के माध्यम से भी कुछ ऐसी जानकारियां मिलती हैं जो बिल्कुल गलत होती हैं. पहली रात को सेक्स करना ज़रूरी नहीं. सबसे ज़रूरी होता है एक-दूसरे को कंफर्टेबल महसूस कराना, क्योंकि सेक्स एक क्रिया नहीं, भावना है और आपके रिश्ते की नींव का महत्वपूर्ण आधार भी.
- किस तरह से सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज़ से बचाव करना चाहिए, किस तरह से फैमिली प्लानिंग और पर्सनल हाइजीन का क्या महत्व है, ये सारी बातें सेक्स एजुकेशन का एक हिस्सा है.
- अधिकांश लड़कियों के मन में बचपन से यही सेक्स के प्रति नक़ारात्मक सोच डाल दी जाती है जिससे वो शादी के बाद भी सिर्फ पति की इच्छा मानकर इस क्रिया को करती हैं. वो न तो अपनी चाहतें बयां कर पाती हैं और न ही अपनी सोच. यहां तक कि वो पति को सहयोग भी नहीं दे पातीं, क्योंकि यहां उनके चरित्र से जोड़कर इसे देखा-परखा जाता है.
- कंडोम या कॉन्ट्रासेप्शन के सही तरीके से इस्तेमाल का तरीका भी सिखाना बेहद ज़रूरी है. इससे अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है.