टोयोटा और एमजी समेत कई कंपनियां हैं जो हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों पर दांव लगा रही हैं. वहीं भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) एक कदम आगे जाते हुए गाय के गोबर से कार चलाने की बात कह रही है. हाल ही में सुजुकी मोटर कार्पोरेशन ( corporation) क्लीनर फ्यूल ऑप्शन पर फोकस करने की बात कही।
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बायोगैस का उपयोग सुजुकी के सीएनजी मॉडल के लिए किया जा सकता है, जो भारत में सीएनजी कार बाजार का लगभग 70 प्रतिशत है. भारत के ग्रामीण इलाकों में गाय का गोबर अक्सर कचरे के रूप में देखा जाता है। मारुति की इस योजना के बाद गोबर को खरीदा और बेचा जा सकेगा।
गोबर 1 दिन के लिए 1 कार को चलाने के लिए पर्याप्त होगा
एक दिन में 10 गायों से प्राप्त गोबर 1 दिन के लिए 1 कार को चलाने के लिए पर्याप्त होगा. अभी तक, सुजुकी की गोबर बायोगैस योजना एक प्रयोग की तरह लगती है। गाय-गोबर बायोगैस की लागत, इंजन पर प्रभाव सहित कई पहलुओं पर फिलहाल काम किया जाना है।
डेवलेपमेंट बोर्ड और बनास डेयरी( dairy) जैसे संगठनों के साथ पार्टनरशिप( patnership)
गोबर बायोगैस के प्रोडक्शन और सप्लाई( supply) के लिए एक प्लान भी तैयार कर लिया है. इसके लिए कंपनी ने नेशनल डेयरी डेवलेपमेंट बोर्ड और बनास डेयरी जैसे संगठनों के साथ पार्टनरशिप भी कर ली।