कांग्रेस पार्टी का कहना है कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने की बजाए सरकार को उचित सबूतों के साथ इसे ब्रिटेन के कोर्ट में जाना चाहिए था। पार्टी के नेता कार्ति चिंदबरम ने कहा कि सरकार का रवैया “बचकाना” है।
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने की बजाए सरकार को उचित सबूतों के साथ इसे ब्रिटेन के कोर्ट में जाना चाहिए था। पार्टी के नेता कार्ति चिंदबरम ने कहा कि सरकार का रवैया “बचकाना” है।
हाल ही में बीबीसी की डॉक्युमेंट्री (BBC Documentary) को लेकर हुए बवाल के बाद भाजपा (BJP) ने आरोप लगाया है कि यह सब पैसे लेकर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के एजेंडे के तहत हुआ। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी (Mahesh Jethmalani) ने कहा कि बीबीसी को “काफी अधिक” पैसों की जरूरत थी। वह इसे चीनी-लिंक्ड हुआवेई (Huawei) से ले रहा था।
उन्होंने ट्वीट करके लिखा, “बीबीसी ने जम्मू-कश्मीर का छोटा नक्शा प्रकाशित करने के बाद 2021 में भारत सरकार से माफी मांगी थी और नक्शे को सही किया था। इसके अलावा बीबीसी के पास भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का एक लंबा इतिहास रहा है। पीएम विरोधी डॉक्युमेंट्री इसी दुर्भावनापूर्ण प्रवृत्ति की अगली कड़ी है।”
उन्होंने ब्रिटेन की मैगजीन द स्पेक्टेटर (The Spectator) के हवाले से कहा, “बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है? क्योंकि इसे चीनी राज्य से जुड़े हुआवेई से लेने और बाद के एजेंडे (बीबीसी एक साथी यात्री, कॉमरेड जयराम?) को आगे बढ़ाने के लिए पैसे की सख्त जरूरत है, यह एक साधारण नकद-प्रचार सौदा (Cash-For-Propaganda Deal) है। बीबीसी बिकाऊ है।
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