हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण( important) माना जाता है। प्रत्येक माह में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। इस व्रत को कृष्ण पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान शिव ( god shiv)और माता पार्वती की उपासना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 2 फरवरी 2022, शाम 4 बजकर 25 मिनट से होगा और इसका समापन 3 फरवरी को शाम 6 बजकर 59 मिनट पर होगा। प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा के कारण यह व्रत 2 फरवरी 2022, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। गुरुवार के दिन पड़ने की वजह से इस व्रत गुरु प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाएगा।
गुरु प्रदोष व्रत का महत्व ( importance)
गुरु प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना करने से धन, समृद्धि, सुख एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। पुराणों में भी प्रदोष व्रत को अत्यंत फलदाई बताया गया है। इस दिन पूजा-पाठ करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं भी दूर हो जाती हैं।
भगवान विष्णु को प्रसन्न( impress) करने
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ गुरु एवं भगवान विष्णु की भी उपासना करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।