अडानी इंटरप्राइजेज के एक शेयर में बुधवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। कंपनी के शेयर इंट्रा डे ट्रेड में लगभग 35% तक गिरे। जिसके बाद देर शाम तक अडानी ग्रुप ने बड़ा निर्णय लेते हुए अपने एफपीओ को रद्द करने की घोषणा कर दी।

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निर्णय के बाद अब कंपनी ने निवेशकों को पैसा वापस करेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक अडानी ग्रुप के साथ ये मामला तब सामने आया जब अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के साथ विवाद हुआ। ये रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयर में लगातार गिरावट आई है। हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट अडानी एंटरप्राइजेज की तरफ से 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ लाने ठीक पहले 24 जनवरी जारी की गई।

96.16 लाख शेयरों के मुकाबले तीन गुना से अधिक शेयरों के लिए बोलियां

अडानी के FPO को आखिरी दिन गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) ने 96.16 लाख शेयरों के मुकाबले तीन गुना से अधिक शेयरों के लिए बोलियां लगाईं। अबु धाबी की निवेश कंपनी IHC (International Holding Company) ने भी एफपीओ में निवेश किया था। इस कंपनी ने अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में 400 मिलियन डॉलर का निवेश किया था।