2002 के गुजरात दंगों पर BBC (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन) की डॉक्यूमेंट्री पर सरकार की तरफ से लगाई गई रोक का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. इसको लेकर दाखिल एक याचिका में रोक हटाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई का अनुरोध किया.।
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याचिकाओं में केंद्र द्वारा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती दी गई है. इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी।
इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ साल 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों से संबंधित
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया था. विदेश मंत्रालय ने इसे ‘दुष्प्रचार सामग्री’ करार देते हुए कहा था कि इसमें निष्पक्षता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता झलकती है. बता दें कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ साल 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों से संबंधित है।
शीर्ष अदालत के कीमती वक्त को बर्बाद करते हैं- कानून मंत्री किरेन रिजिजू
कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार( monday) को 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह वे शीर्ष अदालत के कीमती वक्त को बर्बाद करते हैं।