राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला का आयोजन 5 फरवरी माघ पूर्णिमा से 18 फरवरी महाशिवरात्रि तक किया जाएगा। इस दौरान 3 पर्व स्नान 5 फरवरी माघ पूर्णिमा, 14 फरवरी जानकी जयंती एवं 18 फरवरी महाशिवरात्रि का होगा। गरियाबंद कलेक्टर प्रभात मलिक के निर्देश पर राजस्व एवं आपदा विभाग के एसडीआरएफ टीम द्वारा राजिम मेला में पहुंचाने वाले श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों के सुरक्षा को देखते हुए माॅक ड्रिल के जरिए आपदा के समय विषम परिस्थितियों के कैसे बचाव करें इसकी जानकारी दी गई।
राजिम मेला स्थल लक्ष्मण झूला के पास एसडीआरएफ की टीम ने बाढ़, आंधी, प्राकृतिक आपदा से बचाव के साथ आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में बचाव कार्य, टुटे हुए पुल से लोगों को उतारना, मेला स्थल पर अत्याधिक भीड़ होने से भगदढ़ मचने से रोकना और स्थिति कंट्रोल करना, घायल लोगों को प्राथमिक उपचार करना, त्वरिक ट्रान्सर्पोेटेशन हेतु आवश्यक वाहन एवं ग्रीन कारीडोर का निर्माण करना आदि की जानकारी माॅक ड्रिल के जरिए दी गई।
राजिम मेला स्थल लक्ष्मण झूला के पास एसडीआरएफ की टीम ने बाढ़, आंधी, प्राकृतिक आपदा से बचाव के साथ आकस्मिक दुर्घटना की स्थिति में बचाव कार्य, टुटे हुए पुल से लोगों को उतारना, मेला स्थल पर अत्याधिक भीड़ होने से भगदढ़ मचने से रोकना और स्थिति कंट्रोल करना, घायल लोगों को प्राथमिक उपचार करना, त्वरिक ट्रान्सर्पोेटेशन हेतु आवश्यक वाहन एवं ग्रीन कारीडोर का निर्माण करना आदि की जानकारी माॅक ड्रिल के जरिए दी गई।
टीम ने बताया कि विकट परिस्थितियों में स्वयं को बचातेव हुए जानमाल के नुकसान को कम कर सकते है। साथ वही वे पीड़ितों को समय पर सहायता पहुंचाने व स्थिति सामान्य बनाने का प्रयास करते है। एसडीआरएफ की टीम ने बताया कि आपदा आने से पहनले ही सुरक्षा व बचाव हेतु हमें तमाम प्रकार की तैयारियां कर लेनी होती है, ताकि किसी प्रकार के नुकसान होने से बचा जा सके। माॅक ड्रिल से तकनीकी जानकारी मिलती है, जिसका लाभ विकट परिस्थितियों में मिलेगा। इस दौरान गरियाबंद कलेक्टर प्रभात मलिक, अपर कलेक्टर अविनाश भोई सहित गरियाबंद धमतरी जिले के अधिकारी-कर्मचारीगण मौजूद थे।
टीम ने बताया कि विकट परिस्थितियों में स्वयं को बचातेव हुए जानमाल के नुकसान को कम कर सकते है। साथ वही वे पीड़ितों को समय पर सहायता पहुंचाने व स्थिति सामान्य बनाने का प्रयास करते है। एसडीआरएफ की टीम ने बताया कि आपदा आने से पहनले ही सुरक्षा व बचाव हेतु हमें तमाम प्रकार की तैयारियां कर लेनी होती है, ताकि किसी प्रकार के नुकसान होने से बचा जा सके। माॅक ड्रिल से तकनीकी जानकारी मिलती है, जिसका लाभ विकट परिस्थितियों में मिलेगा। इस दौरान गरियाबंद कलेक्टर प्रभात मलिक, अपर कलेक्टर अविनाश भोई सहित गरियाबंद धमतरी जिले के अधिकारी-कर्मचारीगण मौजूद थे।