कांकेर/अखिलेश श्रीवास्तव। CG NEWS : कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री एवं राज्य योजना आयोग की सदस्य कांति देवी नाग ने अडाणी एंटरप्राइजेज के मामले को लेकर सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए मांग की कि उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की देखरेख में इस पूरे मामले की जांच की जाए और उसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए तथा इस प्रकरण को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन हो। श्रीमती नाग ने यह भी कहा कि सार्वजनिक बैंकों और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अडाणी समूह में निवेश तथा निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए ।
कांति नाग ने स्थानीय पत्रकारों से बातचीत में दावा किया, ‘‘मोदी जी, बहुत मेहनत करके जो गुब्बारा फुलाया, उसकी हवा निकल गई। सारे नियम कानून ताक पर रखकर मोदी जी ने एक आदमी को पाल-पोसकर बड़ा किया। यह मोदी जी और अडाणी जी के बीच का मामला होता तो हमें क्या आपत्ति थी ।
एलआईसी के 45 करोड़ खाताधारकों के साथ धोखा होने का जताया अंदेशा
श्रीमती नाग ने कहा यह मामला हर भारतवासी की खून-पसीने की कमाई से जुड़ गया है। यह मामला सबकी जेब तक पहुंच गया।” श्रीमती नाग का कहना था कि उन 45 करोड़ भारतीय नागरिकों के निवेश की सुरक्षा का सवाल है जिन्होंने एलआईसी में पैसा लगाया है। उन्होंने कहा, ‘‘अडाणी जी के ‘परम मित्र’ अब चुप हैं। मोदी कुछ बोल नहीं रहे हैं। मोदी जी आप एलआईसी के 45 करोड़ खाताधारकों को धोखा तो नहीं कर रहे हैं।” कांग्रेस नेत्री ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी की तीन मांगें हैं। उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की देखरेख में इस मामले की जांच हो जिसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। इस प्रकरण को लेकर जेपीसी ( ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी ) का गठन हो।
उन्होंने कहा की सार्वजनिक बैंकों और भारतीय जीवन बीमा निगम के अडाणी समूह में निवेश तथा निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।” गौरतलब है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने बीते बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि, कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था। समझा जाता है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की ‘‘शॉर्टसेलिंग” कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है।