गौतम अडानी कुछ अरसा पहले तक दुनिया के सबसे अमीर शख्सों के लिए सिर का दर्द बने थे। जिस तरह से उन्होंने टॉप 5 में जगह बनाई थी उसे लगता था कि देर सवेर वो जेफ बेजोस को पटखनी दे ही देंगे। लेकिन पहले हिंडनबर्ग और फिर दुनिया की सबसे बड़ी एजेंसियों में शुमार क्रेडिट सुईस की रिपोर्ट ने अडानी के साम्राज्य को हिलाकर रख दिया। इतना कि नौ दिनों में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप आधा हो चुका है। अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट लगातार जारी है। कंपनी साख कायम करने के लिए ताबड़तोड़ फैसले ले रही है लेकिन हालात सामान्य नहीं हो पा रहे।
अमेरिका की ‘शॉर्ट सेलर’ फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर का आरोप लगाया गया था। उसके बाद से समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए हिंडनबर्ग के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की बात भी कही थी। लेकिन गिरावट पर उनकी धमकी का कोई असर नहीं हुआ।
स्टॉक्सबॉक्स के शोध प्रमुख मनीष चौधरी ने कहा कि पिछले नौ कारोबारी दिनों में समूह की सभी कंपनियों का सम्मिलित बाजार पूंजीकरण 9.5 लाख करोड़ रुपये यानी करीब 49 प्रतिशत तक गिर चुका है। उन्होंने कहा कि एफपीओ को वापस लेना गलत साबित हुआ है। अडानी समूह की सभी कंपनियों का कुल मार्केट कैप नौ दिनों में 9.5 लाख करोड़ रुपये तक कम हो चुका है।