मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी है. AIMPLB ने बताया कि महिलाओं( women) को मस्जिद के अंदर प्रवेश कर नमाज अदा करने की इजाजत है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिलाओं ( women)को नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में प्रवेश करने की अनुमति है, बशर्ते कि मस्जिद के कॉमन एरिया में पुरुषों और महिलाओं का आमना-सामना यानि मिलना-जुलना ना हो. हलफनामे में किसी भी मस्जिद में महिला-पुरुषों का आपस में मुलाकात का जिक्र नहीं है. यानी महिलाएं, पुरुषों के बीच या उनके साथ नहीं बैठ सकती हैं।
मस्जिद में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग प्रवेश द्वार
मक्का में मस्जिद अल-हरम के अलावा सैकड़ों मसाजिद हैं, जहां पैगंबर (PBUH) के समय से जेंडर के परस्पर संबंध की अनुमति नहीं है. यह उल्लेख करना उचित है कि लगभग हर मस्जिद में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग प्रवेश द्वार होता है।
महिलाएं घर में भी पढ़ सकती हैं नमाज
हलफनामे में AIMLPB ने यह भी कहा है कि इस्लाम ने मुस्लिम महिलाओं के लिए रोजाना पांच वक्त की नमाज में शामिल होना अनिवार्य नहीं बनाया है और ना ही महिलाओं के लिए साप्ताहिक शुक्रवार की नमाज जमात के साथ पढ़ना अनिवार्य है, जबकि मुस्लिम पुरुषों के लिए ऐसा है. महिला नमाज घर पर पढ़े या मस्जिद में, उसे एक जैसा सवाब (पुण्य या फल) मिलेगा।