गरियाबंद- ईएमएस- डॉक्टर्स ऑन स्ट्रीट (दोस्त) और प्रोग्रेसिव रिसर्च की टीम ने डॉ. सत्यजीत साहू के नेतृत्व में विशेष संरक्षित जनजाति भुंजीया जनजाति के बीचग्राम सोरिद में पहुंचकर स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया। छत्तीसगढ़ के समस्त विशेष संरक्षित जनजाति के बीच काम करने के लिये विशेष रूप से प्रतिबद्ध यह टीम पिछले एक माह से छत्तीसगढ़ के विभिन्न दूरस्थ हिस्सों में जाकर जागरूकता का कार्य कर रही है। इसी कड़ी में आज दोस्त ( डाक्टर ऑन स्ट्रीट) और प्योर (प्रोग्रेसिव यूटिलाईजेशन ऑफ रिसर्च एंड ईकानामिक्स ) की टीम मे भुंजिया जनजातियों के अध्ययन के लिये गरियाबंद ज़िले के ग्राम सोरिद के भुंजिया पारा का भ्रमण किया ।
टीम के कोआर्डिनेटर सुनील शर्मा ने बताया कि देश भर के सात सौ पाँच ट्राईबल जनजातियों में पच्चहतर जनजातियों को विशेष संरक्षित का दर्जा दिया गया है ।
छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेश स्तर पर भुंजिया जनजाति को विशेष दर्जा दिया है । इनकी संख्या गरियाबंद और महासमुंद ज़िले में ज़्यादा है । जंगल की भीतरी हिस्सों में निवास करने करने वाली भुंजिया जनजाति की बसावट अब जंगल से लगे गाँव में भी पाई जाती है ।
छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदेश स्तर पर भुंजिया जनजाति को विशेष दर्जा दिया है । इनकी संख्या गरियाबंद और महासमुंद ज़िले में ज़्यादा है । जंगल की भीतरी हिस्सों में निवास करने करने वाली भुंजिया जनजाति की बसावट अब जंगल से लगे गाँव में भी पाई जाती है ।
टीम के रिसर्चर संतोष ठाकुर ने बताया कि अन्य जातियों कि तुलना मे भुंजिया लोगों में शिक्षा का प्रसार कम है । बच्चों और महिलाओं में कुपोषण ज़्यादा है और शराब का प्रचलन भी बहुतायत में है । कई पैरामीटर पर अध्ययन जारी है ।
मेडिकल टीम के हेड डॉ सत्यजीत साहू ने सिस्टर अनुपमा एक्का और सिस्टर भुमी के साथ भुंजीया पारा के बहुत से ज़रूरतमंद परिवारों के घर जाकर उनकी चिकित्सा की ।
मेडिकल टीम के हेड डॉ सत्यजीत साहू ने सिस्टर अनुपमा एक्का और सिस्टर भुमी के साथ भुंजीया पारा के बहुत से ज़रूरतमंद परिवारों के घर जाकर उनकी चिकित्सा की ।