प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (16 फरवरी) को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे। 16 से 27 फरवरी 2023 तक चलने वाले इस महोत्सव में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के एक हजार से ज्यादा कलाकार और कारीगर हिस्सा लेंगे। जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा के मुताबिक, आदिवासियों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने औऱ उनकी कला-संस्कृति को पहचान दिलाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में होगा आयोजन
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने बुधवार को एक बयान में जानकारी दी, “राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मोदी 16 फरवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे।”
इन व्यंजनों का चख सकेंगे स्वाद
16 से 27 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में आदिवासी शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार से सीधे रूबरू होने का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि 11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे। वहीं 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप, रागी बड़ा, बाजरा की रोटी, बाजरा का चुरमा, मडुआ की रोटी,वा रोटी, भेल, कश्मीरी रायता, कबाब रोगन जोश का जायका खास तौर पर मिलेगा।
श्री अन्न पर होगा फोकस
आदिवासी संस्कृति शिल्प, व्यंजन, व्यापार और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाने वाला आदि महोत्सव जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (TRIFED) की एक वार्षिक पहल है। कार्यक्रम स्थल पर 200 से अधिक स्टालों में देश भर की जनजातियों की समृद्ध और विविध विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा। साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है ऐसे में हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण जैसे सामान्य आकर्षणों के साथ, महोत्सव में विशेष ध्यान आदिवासियों द्वारा उगाए गए श्री अन्न को प्रदर्शित करने पर होगा।
आदि महोत्सव में 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए शामिल होंगे। ऐसे में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में तमिलनाडु, राजस्थान,छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर के आदिवासी जायके का लुत्फ भी मिलेगा।