जेडीयू नेता और विधान परिषद सदस्य गुलाम रसूल बलियावी ने एक कार्यक्रम में बीजेपी पर भी कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि भाजपा अपने क्राइम को छिपाने के लिए हमारे आर्म्ड फोर्सेज का इस्तेमाल करती है.
जेडीयू नेता और विधान परिषद सदस्य गुलाम रसूल बलियावी ने हाल ही में नवादा में मुसलमानों के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी से आर्म्ड फोर्सेज में मुसलमानों के लिए आरक्षण की मांग की थी. उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के आतंकियों से निपटने में डर लग रहा है, तो सेना में 30 प्रतिशत मुस्लिमों को जगह दे दें. वो वहां जाकर सब देख लेंगे.’
इसक अलावा बलियावी ने उसी कार्यक्रम में बीजेपी पर भी कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि भाजपा अपने क्राइम को छिपाने के लिए हमारे आर्म्ड फोर्सेज का इस्तेमाल करती है.
बलयावी ने आगे कहा कि जब पाकिस्तान मिसाइल बना कर भारत को दिखा रहा था तब जवाब देने कोई नागपुर का बाबा नहीं आया था. उस वक्त भी एक मुसलमान का बेटा एपीजे अब्दुल कलाम ही सामने आए थे.
बलयावी ने बाबा रामदेव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह भारतीय नहीं है, उनका पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन है. इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने उनकी संपत्ति की भी जांच की मांग की थी. बाबा बागेश्वर को बलियावी ने बहुरूपिया बताया.
विवाद बढ़ने पर बलियावी ने क्या कहा
गुलाम रसूल बलियावी के इस बयान को एक तरफ जहां बीजेपी भड़काऊ और सेना का अपमान करने वाला बयान कहा है. वहीं दूसरी तरफ विवाद बढ़ने के बाद बलियावी ने कहा, ‘लोगों को मेरे हर अच्छे काम पर कुछ ना कुछ ऐब निकालने की आदत है.’
बलियावी ने आगे कहा कि उन्होंने सेना के अपमान करने जैसी कोई बात नहीं की है. उन्होंने कहा कि मैंने बस सत्ता में बने लोगों और पीएम पर सवाल किया है.
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी अपने जुर्म पर पर्दा डालने के लिए सेना का सहारा ले रही है. ये वो लोग हैं जो सेना की वर्दी में अपना चेहरा छुपाना चाहते हैं. मेरा सीधी सवाल सरकार से है.
कौन हैं गुलाम रसूल बलयावी
गुलाम रसूल बलिवायी जेडीयू नेता और विधान परिषद सदस्य हैं. उनका जन्म 21 मई 1969 को बिहार के पटना में हुआ था. उन्होंने चश्मा-ए-रहमत ओरिएंटल कॉलेज, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में शिक्षा प्राप्त की. पिता का नाम हाजी सगीर अहमद है और वह पेशे से एक किसान थे. उनकी माता हज्जन अजमारी खातून का जन्म ग्राम बसरीखपुर बलिया उत्तर प्रदेश में हुआ था.
बलयावी जुलाई 2016 से जुलाई 2022 तक बिहार के विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं. इसके अलावा वह कौमी इत्तेहाद मोर्चा नामक गैर-लाभकारी संगठन के संस्थापक हैं.
विवादित बयान पर विपक्ष ने क्या कहा
जदयू नेता के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि गुलाम रसूल बलयावी ने जो कहा वह सनातन धर्म, धार्मिक नेताओं और सेना का अपमान है. उन्होंने कहा, ‘अगर गुलाम रसूल बलियावी को मुसलमानों की इतनी ही चिंता है, तो उन्हें 80 फीसदी पसमांदा मुसलमानों को उनकी संख्या के अनुपात में उचित सम्मान, न्याय और भागीदारी देने के लिए धार्मिक सुधार आंदोलन चलाना चाहिए.’