राजिम। छत्तीसगढ़ के प्रयाग राज त्रिवेणी संगम राजिम में राज्य स्तरीय रामायण प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ हुआ। तीन दिवसीय इस रामायण प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी जिलों के रामायण मंडली रामनाम पर व्याख्यान दे रहे हैं। शुभारंभ अवसर पर राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, कलेक्टर प्रभात मलिक, जिला पंचायत सीईओ रीता यादव, एडीएम अविनाश भोई, बैसाखू राम साहू, रोमन साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। इस अवसर पर महंत रामसुंदर दास जी ने कहा कि धर्म नगरी में तीन दिनों तक रामनाम की गंगा बहेगी, जिसमें प्रदेश के बेहतरीन व्याख्याकारों की प्रस्तुति देंग। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की संस्कृति में रामायण मंडलियाँ एक विशेष स्थान रखती है। राज्य शासन द्वारा पूर्व वर्ष की तरह इस वर्ष भी रामायण मंडलियों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त विजेता दलों को पुरस्कार राशि भी प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम संयोजक सहायक नोडल अधिकारी युगल तिवारी ने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाले प्रदेश स्तरीय रामायण प्रतियोगिता के पहले दिन 15 रामायण मंडलियों जिसमें रायपुर, धमतरी, दुर्ग, महासमुंद, गरियाबंद, बेमेतरा, राजनांदगांव, बिलासपुर, कांकेर, मुंगेली, रायगढ़, बलौदा बाजार भाटापारा, खैरागढ़ छुई खदान गंडई, कवर्धा, सरगुजा के मण्डली ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन प्रस्तुति दी। इस अवसर पर निर्णायक मंडल के रूप में जेआर भगत, डॉ तनुजा बघेल, डॉ विधा सिह खैरागढ़, नेहरू गोस्वामी, नीलकण्ठ ठाकुर, पुराणिक राम साहू उपस्थित थे। प्रतियोगिता में सबसे पहले रायपुर जिले के ज्ञान गंगा मानस परिवार के व्याख्याकार ने श्रीराम जन्म कथा पर व्याख्यान किया कहा कि संत का विवेक सत्संग कराता है और सत्संग मनुष्य को सत्य की ओर ले जाता है, मनुष्य का जीवन सत्यमार्ग में जाना चाहिए। धमतरी कुरुद के मोर मयारू मानस परिवार ने लंका काण्ड पर कथा सुनाया कहा कि राम और शिव एक दूसरे से अलग नही है। भगवान राम चाहता था कि पृथ्वी समानता से भरा हो। भगवान राम का रेत से शिवलिंग बनाने का उद्देश्य भी यही था रेत बिखरा हुआ रहता है उसे एक करके शिवलिंग बनाया। रश्मि बालिका मानस मण्डली बिरकोनी महासमुंद ने बालकाण्ड और राजिम तीर्थ का बखान किया बताया कि राजिम ब्रम्हा द्वारा छोड़े ब्रम्हकमल में विराजमान है। राजिम का उल्लेख त्रेता युग, महाभारत काल और कलयुग में है। कहा कि मानव जीवन के लिए भजन और भक्ति बहुत ही जरूरी है। ज्ञान गंगा मानस मण्डली गनियारी दुर्ग के व्याख्याकार ने आरण्य काण्ड पर व्याख्यान किया कहा कि रामचरित मानस हमे जीवन जीने का मार्गदर्शन कराता है। माधुरी महिला मानस मण्डली जिला गरियाबंद के व्याख्या में कहा कि श्रद्धा और विश्वास हो तभी रामकथा दिल मे समाहित होगा, भगवान को पाने निर्मल मति चाहिए, गरियाबंद जिला की प्रस्तुति बहुत बेहतरीन रही सुंदर वादन के साथ सुमधुर गीतों भजनों से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। सरगुजा के मानस मण्डली ने सुंदर काण्ड पर व्याख्यान करते हुए कहा कि हनुमान जी माता सीता की खोज के लिए जा रहा था तब बल बुद्धि की परीक्षा लेने नाग लोक से सुरसा को बुलाया, हनुमान जी सुनते हैं तो कहते हैं राम काज करने के लिए जा रहा हूं आने के बाद अपनी इच्छा पूरी कर लेना। इसी तरह देर शाम तक मानस मण्डली ने एक से बढ़कर एक रामायण प्रसंगों की प्रस्तुति हुआ। सभी प्रतिभागियों को 30 मिनट का समय प्रदान किया गया था। निर्णायको के द्वारा प्रतिभागियों को अंक दिया जा रहा है जिसके आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान घोषणा की जाएगी। इस अवसर पर संस्कृति विभाग उप संचालक उमेश मिश्रा, राज्य स्तरीय रामायण मंडली प्रतियोगिता के सहायक नोडल अधिकारी युगल तिवारी, एसडीएम पूजा बंसल, पुहुप राम यदु, आदिवासी आयुक्त बद्रिस सुखदेवे, संजय झड़बड़े, भानुप्रताप मरकाम, जनपद फिंगेश्वर/छुरा/गरियाबंद/देवभोग के सीईओ एवं लताबेला मोंगरे, पदमनी हरदेल, मोहित कुमार मोगरे सहित आला अधिकारी मौजूद थे।