राजिम : Rajim Maghi Punni Fair : छत्तीसगढ़ी फिल्मों और यूट्यूब वीडियो के प्रख्यात हास्य कलाकार हेमलाल कौशल राजिम माघी पुन्नी मेला में लोक कला मंच की प्रस्तुति देने के लिए पहुंचे हुए थे। जहाँ अपने प्रदर्शन से उन्होंने लोगों को हंसा कर लोटपोट कर दिया। उन्होंने मीडिया के सामने अपने शुरुआती जीवन से लेकर हास्य कला में आने तक की बात बेबाक रुप से रखे। उन्होंने कहा कि मेरा मूल विधा हास्य है। मैं बचपन से ही मस्खरी करता था, जो आदत में शामिल था। स्कूली जीवन में कार्यक्रम होने पर कॉमेडी करता था और धीरे-धीरे इस मुकाम तक पहुंचा हूं।
अपने प्रसिद्धि के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं प्रसिद्ध हो गया हूं। आप सब जनता जनार्दन का आशीर्वाद है कि मेरे कला को पसंद करते हैं, सराहते हैं। पर मैं सामान्य रहना चाहता हूं क्योंकि मैं बहुत ही गरीब घर में पैदा हुआ। हमने जो जीवन जिया उसे मैं भूला नहीं हूं, लेकिन जो मजा उस समय था वह आनंद अब नहीं। उन्होंने बताया कि 1983 में सोनहा बिहान में लोक कला मंच का शुभारंभ किया और इसके बाद 2019 में फिर राग अनुराग संचालन करने का अवसर मिला। इसमें सभी कलाकार मिडिल क्लास के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि किसी भी संस्था का बैक सपोर्ट होना जरूरी है। मुझे हर जगह कार्यक्रम की प्रस्तुति देने का अवसर मिल रहा है। मैंने तकरीबन 15 भोजपुरी फिल्में और 100 से अधिक छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अभिनय करने का अवसर मिला है।
उन्होंने बताया कि मुझे सबसे ज्यादा प्रसिद्धि फिल्म टूरा रिक्शावाला से मिली। मेरा मानना है कि जो मैं सीखा हूं कि हंसाना कोई बड़ी बात नहीं है मैंने अपने जीवन का एक उद्देश्य बनाया की हंसाने के साथ-साथ समाज में जो कुरीतियां है उसे मिटाना है। कहा कि मैं राज कपूर और चार्ली चैपलिन से प्रभावित हूं। मैं चाहता हूं कि मैं अपने जीवन तक लोगों को हसाउ। उनका कहना है कि हर कलाकार की इच्छा रहता है कि वह राष्ट्रीय स्तर तक में जाएं। मैं अपने मेहनत में कोई कोताही बेमानी नहीं करता।
मैं भाग्य को मानता हूं क्योंकि मुंबई कलाकारों का समुद्र है, लेकिन मेरा भाग्य है कि मेरे पास बाहर से शूटिंग के लिए ऑफर आता है जो मेरे लिए सौभाग्य है। कहा कि जब दर्शक हंसता है तो मुझे अत्यधिक खुशी होता है। मैं कोशिश करता हूं कि हर बार कुछ अलग तरीके से दर्शकों को हंसाउ। बताया कि मेहनत लगातार करता रहता हूं अपने टीम में 40 लोग हैं। उन्होंने बताया कि कलाकारों का शोषण अधिक होता है उनका अधिकार उसे पूरा मिलना चाहिए। कलाकार को कोई नहीं बना सकता उसे ईश्वर बनाता है।