राजिम। राजिम माघी पुन्नी मेला में श्रीपंचदशनाम जुना अखाड़ा से पधारे नागा बाबा ने बताया कि मैं अपने आश्रम में कुटिया के अंदर 12 वर्षो तक एक जगह निरंतर खड़े होकर तपस्या करते रहा। उनकी तपस्या पूर्ण नहीं हुई, तो उन्होंने अपना दायां हाथ 13 वर्षो से ऊपर उठाकर रखे हुए है। इस प्रकार उन्हें तपस्या करते 25 वर्ष हो गये। तपस्या का मुख्य उद्देश्य बताते हुए कहा कि विश्व कल्याण हेतु अपना दायां हाथ परमात्मा को समर्पित कर दिया है। इस नागा बाबा को देखने के लिए लोमश ऋषि में दर्शनार्थियों की भीड़ लग रही है। इस नागा बाबा को लोग आश्चर्यजनक होकर देखते रहते और मन में यही बाते उठ रही है कि ये अपनी दिनचर्या के कार्यो को कैसे करते होंगे। दायां हाथ ऊपर किये तपस्वी महंत श्री राजेपुरीजी महाराज अर्धबाहु तपस्वीजी इनके आश्रम आनंदधाम ग्राम अमला जिला अगरमालवा उज्जैन कोटा मार्ग में स्थित है। उन्होंने बताया कि मैं विश्व कल्याण हेतु अपने दायां हाथ को ईश्वर को समर्पित कर दिया हूं। मैं अपना सभी दैनिककार्य बायां हाथ से ही करता हूं।