पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ( highcourt) बलात्कार के एक मामले में (आरोपी को बरी करने ) कहा कि अगर महिला पुरुष की किसी अन्य महिला से शादी हो जाने के बाद भी उसके साथ यौन संबंध बनाना जारी रखती है तो शादी के वादे पर बलात्कार करने का आरोप अपना महत्व खो देता है।
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‘‘पीड़िता एक शिक्षित लड़की( well educated) है, जो एक सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करती है … इसलिए, वह इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ थी कि जब प्रतिवादी नंबर 2 ने दूसरी महिला से शादी कर ली थी तो प्रतिवादी नंबर 2 के साथ उसका विवाह संभव नहीं था। हालांकि, सभी परिणामों से अवगत होने के बावजूद पीड़िता ने एक विवाहित पुरुष के साथ अपने रिश्ते को जारी रखने का फैसला किया।
प्रतिवादी ने 2017 में शादी ( marriage)कर ली
एफआईआर के अनुसार प्रतिवादी ने 2017 में शादी कर ली थी जबकि पीड़िता को इस तथ्य के बारे में बाद में पता चला। हालांकि, प्रतिवादी ने शादी का झांसा देकर पीड़िता की मर्जी के खिलाफ उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना जारी रखा। उसने कथित तौर पर उससे कहा कि वह अपनी पत्नी से तलाक लेना चाहता है।
पीड़िता का प्रतिवादी के साथ प्रेम संबंध( love ) था
ट्रायल कोर्ट ने फैसले में कहा कि पीड़िता का प्रतिवादी के साथ प्रेम संबंध था और उसने प्रतिरोध और सहमति के बीच अपनी पसंद का स्वतंत्र रूप से प्रयोग किया। ट्रायल कोर्ट के अनुसार, साक्ष्य पर निर्णायक रूप से यह साबित करने के लिए कुछ भी नहीं था कि प्रतिवादी का शुरू से ही उससे शादी करने का कोई इरादा नहीं था या उसने केवल उसके साथ यौन संबंध स्थापित करने के लिए ऐसा वादा किया था।