रायपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (highcourt) मुख्य न्यायाधीश अरुप कुमार गोस्वामी आज राजभवन में 11ः30 बजे नये राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन को शपथ दिलाएंगे।
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राजनीतिक कैरियर वर्ष 1977 में कैबिनेट मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, आवश्यक वस्तुएं, जिनकी आपातकाल के दौरान कमी पाई गयी थी। उन्होनें आवश्यक वस्तुओं को न केवल स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया बल्कि मूल्य-रेखा को लगातार बनाए रखा। कालाबाजारी करने वालों और जमाखोरों के खिलाफ उनकी कड़ी कार्रवाई जिसने उन्हें ओडिशा में बहुत लोकप्रिय बना दिया।
सिंगल विंडो सिस्टम( system) शुरू करने की पहल की
ओडिशा में उद्योग मंत्री के रूप में उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम शुरू करने की पहल की और उद्योग सुविधा अधिनियम पारित करवाया। उनके गहन प्रयासों के कारण ही राज्य की ‘आरआर’ (पुर्नवास एवं प्रतिस्थापन) नीति, उस समय देश की सर्वश्रेष्ठ आरआर नीति बनी थी। श्री हरिचंदन ने कैबिनेट उप समिति के अध्यक्ष के रूप में इस नीति को अमलीजामा पहनाया, जिससे विस्थापितों के पुनर्वास के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आया।
स्वतंत्रता के लिए ऐतिहासिक युद्ध 1817 के पाइक विद्रोह को राष्ट्रीय मान्यता दिलाने
ब्रिटिश शासन के खिलाफ बख्शी जगबंधु के नेतृत्व में उड़िया लोगों द्वारा स्वतंत्रता के लिए ऐतिहासिक युद्ध 1817 के पाइक विद्रोह को राष्ट्रीय मान्यता दिलाने के लिए उन्होंने 1978 वर्ष से निरंतर प्रयासरत रहे। परिणाम स्वरूप माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने राष्ट्रीय स्तर पर इसके द्विशताब्दी समारोह आयोजित करने के निर्देश दिये।