देश की तरक्की और उत्थान में वैज्ञानिकों के योगदान और उनके महत्व को दर्शाने के लिए यह खास दिन मनाया जाता है। यह खास दिन भारत के मशहूर वैज्ञानिक डॉ सीवी रमन की खोज रमन इफेक्ट को याद करने के लिए आयोजित की जाती है। नेशनल साइंस डे (National Science Day 2023) स्कूली बच्चों के लिहाज से भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
नेशनल साइंस डे के इतिहास ( history)को अगर मुड़कर देखें तो हम जान पाएंगे कि 1986 में नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्यूनिकेशन (NCSTC) ने भारत सरकार को 28 फरवरी को साइंस डे के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया। सरकार ने इस सुझाव को तुरंत मान लिया और 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे के रूप में घोषित कर दिया।
बहुत सारे कार्यक्रम(various program)
इसके अगले साल ही 28 फरवरी 1987 से ही देश भर में यह दिवस मनाया जा रहा है और साल 2020 से देश में विज्ञान को प्रोत्साहित करने के लिए विज्ञान और संचार के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए वैज्ञानिक पुरस्कार भी दिए जाते हैं. इस दिन देश भर में सार्वजनिक व्याख्यान, रेडियो टीवी आदि पर विज्ञान संबंधित कार्यक्रम( ,program) की फिल्में दिखाई जाती हैं
प्रकाश का प्रकीर्णन?
रमन प्रभाव, जिसे रमन स्कैटरिंग के रूप में भी जाना जाता है, प्रकाश की तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन है. जब कोई प्रकाश की किरण किसी रासायनिक यौगिक के एक पारदर्शी नमूने से गुजरती है तो प्रकाश की किरण में एक डिफ्लेक्शन देखने को मिलता है. प्रकाश के एक छोटे से हिस्से की तरंग दैर्ध्य, मूल प्रकाश किरण की तरंग दैर्ध्य से अलग होती है. प्रकाश के इसी गुण को रमन प्रभाव कहा जाता है.