हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है। पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू मास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं।
तिथि के नाम – प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, अमावस्या/पूर्णिमा।
शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि- आज पूरा दिन, पूरी रात पार कर कल सुबह 6 बजकर 39 मिनट तक
प्रीति योग – आज शाम 5 बजकर 2 मिनट तक
रवि योग- आज पूरे और दिन पूरी रात
मृगशिरा नक्षत्र-आज सुबह 9 बजकर 52 मिनट तक
राहुकाल
कोई भी काम शुरु करते वक्त राहुकाल का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। राहुकाल के दौरान कोई काम शुरू नहीं करना चाहिए। अगर कोई काम पहले से चल रहा है