Published by Neeraj Gupta
रायपुर। CG VIDHANSABHA : छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्षी विधायकों ने शून्यकाल के दौरान टार्गेट किलिंग के मुद्दे पर विपक्ष दल ने जमकर नारेबाजी की, इसके बाद हंगामा बढ़ने पर सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। फिर से सदन की कार्यवाही शुरू की गई पर भाजपा के विधायकों ने हंगामा जारी रखा जिसपर विधानसभा उपाध्यक्ष ने सभी भाजपा विधायकों को सदन से बाहर जाने के लिए निर्देशित किया परंतु भाजपा विधायक सदन से बाहर जाने के बजाय गर्भगृह में ही खड़े होकर सरकार विरोधी नारे लगाते रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे जिस पर विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने भाजपा के सभी विधायकों को सदन की कार्यवाही से निलंबित करने की घोषणा कर दी।
दरअसल विधायक शिवरतन शर्मा ने बस्तर में हो रही हत्या और धर्मांतरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा बस्तर जल रहा है। आदिवासी नक्सली हिंसा और धर्मांतरण का शिकार हो रहे हैं। धर्मांतरण के विरोध में काम करने वालों की हत्या हो रही है और नाम नक्सलियों का लगाया जा रहा है। यह धर्मांतरण कराने वाले और नक्सलियों की सांठगांठ का परिणाम है। विधायक अजय चंद्राकर ने कहा बस्तर की डेमोग्राफी सरकार के संरक्षण में बदल रही है। वहां जांच दल को जाने नहीं दिया जाता और टारगेट किलिंग हो रही है। इस पर मंत्री कवासी लखमा ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा आज पूरे देश में आपातकाल लगा हुआ है। इसके बाद सत्ता और विपक्ष के बीच शोर-शराबा और हंगामा शुरू हो गया। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा शून्यकाल में सूचना हो भाषण नहीं। इस पर विधायक सौरभ सिंह ने कहा शून्यकाल में मंत्रियों को भी बोलने का कोई अधिकार नहीं। विधायक चंद्राकर और सौरव ने का व्रत दम है तो स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करने का आग्रह करें और चर्चा करवाएं। इसके बाद हंगामा बढ़ने पर सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी।