छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक प्रदीप वर्मा महासचिव बसंत त्रिवेदी जी ने बताया कि शासन स्तर पर लंबित मांगों को लेकर विगत 4 वर्ष से छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन कर्मचारियों अधिकारियों के विभिन्न मांगों को लेकर 14 सूत्रीय मांगो को लेकर संघर्षरत रही है विभिन्न प्रकार से अलग अलग चराणो ंमें आंदोलन करते आया है लेकिन वर्तमान छत्तीसगढ़ कांग्रेस की भूपेश सरकार के द्वारा सिर्फ आश्वासन ही कर्मचारियों को दिया जाता रहा है आज तक उनके द्वारा किसी प्रकार का उचित निर्णय कर्मचारी अधिकारी हित में नहीं लिया गया है जिसके वजह से छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारी अधिकारी काफी आहत है व जायज मांगो को लेकर सरकार को जगाने अपनी बात को सालिनता के साथ पहुचाने का प्रयास किया गया है लेकिन राज्य सरकार द्वारा सिर्फ और सिर्फ आश्वासन मिलने से अधिकारियों का धैर्य जवाब दे चुका है व सब्र का बांध सरकार के ढुल मुल रवैये से टूटते जा रहा है कि वर्तमान सरकार का यह अंतिम बजट सत्र है जिसके पश्चात राज्य में चुनाव होगा तो कर्मचारी अधिकारी राज्य सरकार से अपनी मांगो को लेकर पुनः मुखर प्रयास करने व चरणबद्ध आंदोलन किए जाने का निर्णय प्रांतस्तर पर लिया गया है आदंोलन के प्रथम चरण में आज जिला मुख्यालय एवं ब्लॉक मुख्यालय में रैली एवं नारो के साथ प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौपा गया। मांग पुरा नहीं होने की स्थिति में आंदोलन के द्वितीय चरण में दिनांक 18 मार्च को राज्य मुख्यालय में राज्य भर के सभी कर्मचारी अधिकारी एकत्र होकर राज्य सरकार के खिलाफ अपनी मांग अपनी आवाज को बुलंद करने का निर्णय प्रात द्वारा लिया गया है। चरण बद्ध आंदोलन राज्य सरकार के निरंकुश नीति को ध्यान में रखकर पुनः प्रारंभ किया जा रहा है कई चरणों में पूर्व में भी आंदोलन जारी रहा लेकिन सरकार के द्वारा नीतिगत नियमों का पालन नहीं किए जाने से कर्मचारी काफी आहत है पीड़ित है हमारे जो प्रमुख चार सूत्री मांग है उसमें 14 सूत्री मांगों पर वेतन विसंगति सहित अन्य मुद्दों के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट तत्काल सरकार को सौंपी जाए द्वितीय मांग कर्मचारियों एवं पेंशनरों का केंद्र के अनुसार ए 5ः लंबित मंगाई भत्ता एवं सातवें वेतनमान के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए तीसरा मांग कांग्रेश घोषणा पत्र अनुसार राज्य कर्मचारियों को चालीस्सरी पदोन्नत वेतनमान दिया जाए एवं चतुर्थ मांग है पुराना बस स्टैंड पंडरी रायपुर को धरना स्थल घोषित किया जाए राज्य सरकार द्वारा 2018 के चुनाव के समय दूर दृष्टि पक्का इरादा कांग्रेस करेगी पूरा वादा जन घोषणापत्र में बड़े.बड़े वादे किए थे यह वादे आज सिर्फ हवा हवाई बातें बनकर रह गई है राज्य सरकार कर्मचारी हित में जो घोषणा किए थे उस पर बात करने की स्थिति में सिर्फ आश्वासन देता है उस पर आज तक 4 साल से कमेटी जो सरकार द्वारा बनाया गया है वह अपनी अपना रिपोर्ट सरकार के समक्ष प्रस्तुत नहीं करता इससे बड़ी विडंबना राज्य सरकार के सामने और क्या हो सकती है कर्मचारी अधिकारी सरकार के नीतियों से काफी आहत और परेशान महसूस कर रहे हैं जिससे पुलिस होकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन एक बार चरण आंदोलन कर राज्य सरकार के समक्ष उनके किए गए वादों को याद दिलाते हुए आश्वासन नहीं अब समाधान चाहिए को चरितार्थ करने हेतु इन्हीं नारा के साथ अपने प्रथम चरण का आंदोलन आज प्रारंभ किए हैं आंदोलन में गरियाबंद जिला अंतर्गत पांचों में राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा जाना टीम द्वारा निर्धारित किया गया है आज के इस आंदोलन में गरियाबंद जिला से विकासखण्ड संयोजक मनोज खरे जिला सह संयोजक मिश्री तारक जी बसन्त मिश्रा पन्ना देववंशी सुनील यादव जी पुरषोत्तम चंद्राकर भगवान चंद्राकर जी सन्तोष साहू दीपेश साहू तरुण कश्यप डोरेश मेहरा जी दिप्यन्ति तिवारी सुष्मिता उपाध्याय पुन्नी साहू पंकज पाटिल केसी साहु डेविड जी सहित बहुत से कर्मचारी संघठन के पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित हुए