CJI)डी वाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि सोशल मीडिया का विस्तार हो जाने से झूठी खबरों( fake news) के युग में सच ही शिकार हो गया है. आप जो कुछ भी करते हैं उसके लिए आपको किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा ट्रोल किए जाने का खतरा होता है जो आपसे सहमत नहीं है।

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जस्टिस चंद्रचूड़ ने संविधान (constitution) जिक्र करते हुए कहा कि जब इसका मसौदा तैयार किया गया था, तब संविधान निर्माताओं को यह पता नहीं था कि मानवता किस दिशा में विकसित होंगे. उन्होंने कहा कि तब हमारे पास निजता की धारणा नहीं थी, कोई इंटरनेट नहीं था. हम उस दुनिया में नहीं रहते थे जो एल्गोरिदम से नियंत्रित होती थी। हमारे पास निश्चित रूप से सोशल मीडिया( social media) नहीं था।

लोगों के धैर्य और सहनशीलता की कमी आ रही है

CJI ने कहा कि आज हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं, जहां लोगों के धैर्य और सहनशीलता की कमी आ रही है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वे उन दृष्टिकोणों को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं, जो उनसे अलग हैं. उन्होंने अपने व्याख्यान में प्रौद्योगिकी और न्यायपालिका, कोरोना, न्यायिक पेशे का सामना करने वाले मुद्दों और महिला जजों की संख्या पर बात की।

एंटी-ग्लोबलाइजेशन सेंटीमेंट में बढ़ोतरी

ग्लोबलाइजेशन से अब लोग नाखुश होने लगे हैं। दुनियाभर के लोग जिस भावनात्मक उथलपुथल से गुजर रहे हैं, उसके चलते एंटी-ग्लोबलाइजेशन सेंटीमेंट में बढ़ोतरी हुई है। 2001 का आंतकी हमला इसका उदाहरण है। कोविड-19 के दौरान भी दुनिया ग्लोबल मेल्टडाउन से गुजरी, लेकिन यह एक मौके के तौर पर उभरा।