देश में कोरोना वायरस के मरीज भले ही कम आ रहे हों, लेकिन सर्दी-खांसी और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ICMR का कहना है कि ऐसा एक तरह के इन्फ्लुएंजा वायरस की वजह से हो रहा है. डॉक्टरों का दावा है कि H3N2 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा, “देश में एक ओर कोरोना वायरस के मामले तो कम हो रहे हैं, लेकिन सर्दी-खांसी और बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच कई राज्यों में इन्फ्लुएंजा वायरस के A सबटाइप H3N2 के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.”
ऐसे करें बचाव
इस वायरस से बचने के लिए एहतियात के तौर पर मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाकर रखने की सलाह दी. डॉ. गुलेरिया ने इस इन्फ्लुएंजा से उच्च जोखिम वाले मरीजों और बुजुर्गों के लिए एक टीका भी जरूरी बताया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इसे मौसमी बुखार कहा है, जो पांच से सात दिन तक रहता है. आईएमए ने संक्रमित व्यक्ति को एंटीबायोटिक लेने से बचने की सलाह दी है। वर्तमान सर्कुलेटिंग स्ट्रेन H3N2 है, इसलिए यह एक सामान्य इन्फ्लुएंजा स्ट्रेन है. यह बूंदों के माध्यम से COVID के समान ही फैलता है. उन्होंने कहा, “इससे केवल उन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, जिन्हें गंभीर बीमारियां है।