अंचल में होली रंगोत्सव का पर्व आज मनाया जा रहा है किन्तु पंचांग दो दिन का पुर्णिमा होने की वजह से कहीं कहीं कल भी यह त्योहार धूमधाम से मनाया गया।
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भागवत कथा वाचक पं हलधर नाथ जोगी कोपरा ने बताया कि भागवत कथा अनुसार सतयुग में हिरण्यकश्यप नामक राक्षस का पुत्र प्रहलाद नारायण का परम भक्त हुआ जिसे हिरण्यकश्यप ने घोर विरोध किया तथा प्रहलाद को नारायण अर्थात भगवान विष्णु का नाम लेने से मना कर अपने नाम जपने का आदेश किया जिसे पुत्र प्रहलाद ने इंकार कर दिया और पिता द्वारा अनेक यातनाएं देने पर भी भगवान श्री हरि विष्णु का नाम लेने नहीं छोड़ा तब उसने अपने बहन होलिका को बुलाया जिसे आग में नहीं जलने का श्राप था उसके द्वारा प्रहलाद को गोद में बिठाकर आग में बैठने को कहा गया परंतु भक्ति के प्रताप तथा भगवान नारायण की नाम के शक्ति के प्रभाव से होलिका जल गई और प्रहलाद बच गया।
भगवान विष्णु को खंभे फाड़कर नृसिंह के रूप में प्रगट होना पड़ा
उक्त कथा पं हलधर नाथ जोगी कोपरा द्वारा ग्राम दरबा अभनपुर में आयोजित शिव महापुराण के दौरान कही आगे बताया कि अनेकों कष्ट और दुख देने के बाद अंत में लोहे की जलते खंभे में जब प्रहलाद को बांधने की चेष्टा की गई तब भगवान विष्णु को खंभे फाड़कर नृसिंह के रूप में प्रगट होना पड़ा और वहीं आतातायी हिरण्यकश्यप का अंत किया तथा उसी प्राचीन काल से होली जलाने तथा रंगोत्सव फगुवा मनाने की परंपरा हमारे भारत वर्ष में चली जिसे आज भी पारंपरिक रूप से गांव गांव शहर शहर बड़े ही ऊर्जा और उमंग से इस पर्व को हम मनाते विगत दिनों हुए शिव महापुराण का आयोजन दरबा ग्राम वासियों के द्वारा हुए इस कार्यक्रम में आसपास के श्रद्धालुगण बडी संख्या में पहुंचकर कथा श्रवण लाभ लिया तथा सवा लक्ष पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा कर आयोजन को सफल बनाया
हमें त्योहार को प्रेम रंगों से मनाकर भेदभाव को दूर करना चाहिए
कथा वाचक पं हलधर नाथ जोगी ने बताया कि हमें त्योहार को प्रेम रंगों से मनाकर भेदभाव को दूर करना चाहिए और हमारे छत्तीसगढ़ का पारंपरिक फगुनाही होली मनाना चाहिए