कोरोना काल से अब तक दुनिया उबरी भी नहीं थी कि एक नए संकट ने पैर फैलाना शुरू कर दिया है। पिछले दो महीने से एक नया वायरस कहर ढा रहा है. अब महाराष्ट्र में ‘इन्फ्लूएंजा ए‘ से जुड़े वायरस के एक वेरिएंट का प्रकोप खास कर पुणे जिले में तेजी से बढ़ रहा है।
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आईसीएमआर( ICMR) के आंकड़े के मुताबिर पुणे शहर में 2529 सैंपल टेस्ट किए गए. इनमें से 428 सैंपल पॉजिटिव पाए गए. यानी पुणे जिले में फिलहाल वायरस पॉजिटिव पाए जाने का रेट 17 फीसदी है. फरवरी के दूसरे भाग में ‘इन्फ्लूएंजा ए’ वायरस में H3N2 का संक्रमण सबसे ज्यादा पाया गया।
संक्रमित मरीजों में से करीब 92 फीसदी बुखार
ICMR के मुताबिक संक्रमित मरीजों में से करीब 92 फीसदी बुखार, 86 फीसदी खांसी, 27 फीसदी सांस लेने की तकलीफ, 16 फीसदी अनइजीनेस और 16 फीसदी निमोनिया के लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में से 10 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन देने की जरूरत हो रही है।
स्कूल जाने वाले बच्चों पर H3N2 का सबसे ज्यादा असर
शिशुओं और स्कूल जाने वाले बच्चों पर H3N2 का सबसे ज्यादा असर हो रहा है.” कुछ मरीजों में लीवर और ब्लड प्रेशर की समस्या पहले से कायम थी।ऐसे मरीजों के लिए यह बीमारी ज्यादा घातक है।ऐसे मरीजों को वेंटिलेटर में रखने की जरूरत हो रही है. वेंटिलेटर पर रखे जाने वालों में ज्यादातर पांच साल से छोटे बच्चे हैं. छोटे बच्चों में अचानक सांस लेने में तकलीफ, खांसी और बुखार की शिकायतें सामने आती हैं। H3N2 के अलावा न्यूमोनिया जैसे लक्षण लगातार दिखाई दे रहे हैं।