नारायणपुर : CG NEWS : तमिलनाडु में नारायणपुर जिले के 8 बंधुआ मजदूरों को प्रशासन और पुलिस की टीम ने सुरक्षित मुक्त कराया है। बताया जा रहा है कि, पिछले आठ महीने से 8 मजदूर तमिलनाडु के वीरचंगढ़ कदमपलियम के काडेस्पोलियम में जिला इरोड़ा में बंधक बनाकर रखा गया था। जिसमे से चार मजदूरों को मालिक अपने घर व खेतों में मजदूरी करा रहा था। वहीँ अन्य मजदूरों को अपने दोस्त के यहां जबरदस्ती अन्य कार्य करवा रहा था और मजदूरों को घर वापस नहीं आने दे रहा था।
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बंधक मजदूरों ने बताया कि, नारायणपुर व कोंडागांव जिले से तकरीबन आठ महीने पहले नारायणपुर बखरूपारा निवासी बज्जू नाम के व्यक्ति के द्वारा तमिलनाडु काम करने के लिए 10 हजार महीना देने की बात बोलकर ले जाया गया था। बंधक मजदूरों से प्राप्त जानकारी अनुसार तमिलनाडु जाने के बाद बज्जू नारायणपुर वापस आ गया।आने के बाद बज्जू कि तबियत ज्यादा खराब हो गई और उसकी मृत्यु हो गई। बज्जू कि मृत्यु के बाद उसके द्वारा ले जाए गए मजदुर तमिलनाडु के गाँव मे सुरेश के यहां काम पर लगाया गया और वहां बंधक बन फंस गए.
पीड़ित बधुआ मजदूर क्रमशः विजय पिता जैत ग्राम सुलेंगा सहदेव पिता वीर सिंह नारायणपुर, धुइलु पिता वीर सिंह नारायणपुर, सुनील पिता चैन कन्हारगांव, वीरेंद्र पिता समारू, कन्हरगांव मीणा पिता रामू कोंडागांव, राम सिंह पिता चैन नारायणपुर, गीता पिता मानकर नारायणपुर जिसमें की 6 लड़के और दो लड़की तमिलनाडु में मजदूरी करने गए थे और 8 महीने से बिना पगार के तमिलनाडु में ही आठ महीने से बंधक बनकर काम करते हुए रहने को मजबूर हो गए थे।
मिली जानकारी अनुसार मालिक सुरेश निवासी जिला इरोड़( तमिलनाडु) के द्वारा इन आठ मजदूरों को अपने घर व अन्य स्थानों पर काम में लगा दिया था, जब बंधक मजदूरों के द्वारा भुगतान राशि व अन्य त्योहार, होली में छुट्टी लेकर घर जाने की बात कही गई तो बंधक बनाने वाले मालिक सुरेश के द्वारा जान से मारने की धमकी देता था और डरा धमका कर काम कराया जाता था।
जिस तरह सोशल मीडिया में तमिलनाडु में काम मे गए अन्य राज्यों के मजदूरों के ऊपर अत्याचार यह सब माहौल को देखते हुए नारायणपुर के बंधवा मजदूरों को जिला प्रशासन पुलिस विभाग के द्वारा तत्काल प्रभाव से सुरक्षित लाया गया।