रायपुर। CG VIDHANSABHA : छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी को लेकर अब तक जो सर्वे सामने आ रहा है, जिसके मुताबिक प्रदेश में बेरोजगारी दर 0.4 तक दर्शाया गया और उसे सरकार प्रमोट करती है, तो प्रदेश में सरकार दावा करती रही कि छत्तीसगढ़ बेरोजगारी के मामले में देशभर में सबसे बेहतर स्थिति में है। गुरुवार को बजट सत्र के दौरान सदन में इस मसले पर जमकर बहस छिड़ी। विपक्ष ने सरकार को इस मामले पर जमकर घेरा और जवाब से असंतुष्ट होकर वॉक आउट कर दिया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की आज नवीं बैठक हो रही है। प्रश्नकाल में आज विपक्षी सदस्य अजय चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर को लेकर सवाल दागा। इस मामले पर सरकार बुरी तरह घिरी नजर आई। मंत्री उमेश पटेल ने सदन में CMIE की मान्यता को लेकर कहा कि सरकार इस संस्था को मान्यता नहीं देती है, जिसके बाद मामला और गंभीर हो गया, क्योंकि प्रदेश में भूपेश बघेल सरकार इसी CMIE के सर्वे को प्रचारित करती रही है और छत्तीसगढ़ को बेरोजगारी दर के मामले में सबसे बेहतर स्थिति में होने का दावा करती रही है।
स्पीकर ने भी पूछे सवाल
छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी के मसले पर आज सदन जोरदार तरीके से गरमाया हुआ नजर आया। विपक्षी सदस्य चंद्राकर ने प्रदेश में 18 लाख 78 हजार पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या बताकर गंभीर के साथ सवाल किया और सरकार से जवाब मांगा। इस प्रश्न की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने भी सवाल किया। और इस मसले को गंभीर बताया। हालांकि स्पीकर ने इस मामले पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मंत्री को जवाब देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। तो साथ ही यह भी कहा कि विषय की गंभीरता को देखते हुए चर्चा के लिए कितना समय देना चाहिए, इस पर निर्णय स्वयं करुंगा।
मंत्री पटेल का जवाब
इस मसले को लेकर विधायक अजय चंद्राकर ने CMIE के आंकड़ों के आधार पर सवाल किया कि क्या सरकार इसे मान्यता देती है। मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि इसे सरकार मान्यता नहीं देती, लेकिन केंद्र सरकार की संस्था NSSO द्वारा पिछले 9 साल से आंकड़े नहीं जारी किए जा रहे हैं, इसलिए प्राइवेट संस्था द्वारा जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसे शामिल किया गया।