पाण्डुका : Chaitra Navratri 2023 : चैत्र नवरात्रि 22 मार्च दिन बुधवार से शुरू हो रहा है, 9 दिनों तक चलने वाले इस पवित्र पर्व का समापन 30 मार्च दिन गुरुवार को होगा. नवरात्रि के इन पवित्र दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपसना का विशेष महत्व माना गया है.
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चैत्र नवरात्रि में दो ऋतुओं के बीच यानि बसंत और ग्रीष्म ऋतु के मध्य संधि बेला पर नवरात्रि का आगमन साधना स्वाध्याय उपासना सत्संग के लिए उपयुक्त समय माना जाता है. इस दौरान यदि सच्ची लगन और निष्ठा से दैवीय शक्तियां की आराधना की जाये तो अवश्य ही फलदायी होता है। यही कारण है कि पूरे भारत वर्ष सहित छत्तीसगढ़ में दोनों नवरात्रि को धूमधाम से मनाया जाता है. जिसमें दैवीय स्थल मंदिरों और निजी आयोजनों द्वारा ज्योति कलश और जंवारा बोया जाता है तथा शारदीय नवरात्र कुवांर में मां दुर्गा या काली मूर्ति स्थापना पूजा व समापन के अवसर पर यज्ञ हवन और मूर्ति विसर्जन भी किया जाता है।
प्रतिवर्ष अनुसार इस चैत्र नवरात्रि में हमारे अंचल के सुप्रसिद्ध पर्यटन और धार्मिक दर्शनीय स्थल घटारानी, जतमई तथा झरझरा में समितियों वआस्थावान भक्तों द्वारा मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित कर मांदर की धुनों पर माता जी की जस सेवा गीतों द्वारा जारी रहेगा।
तीनों दैवीय स्थल के समिति पदाधिकारी और निष्ठावान कार्यकर्ता द्वारा आयोजन के लिए तैयारियां पूरी की कर ली गई है। जिसमें घटारानी समिति तारण सिंह ध्रुव ,जहुर दीवान, परमेश्वर दीवान ,संतोष कुमार दीवान ,गजेश्वर सिन्हा, टेमन सिन्हा ,पुजारी धनसिंग ध्रुव ,संत राम ध्रुव और आसपास के ग्रामीण फुलझर ,जमाही, छुईहा ,चरौदा ,कुण्डेल ,तरीघाट झरझरा समिति के अध्यक्ष चम्मन साहू ,सचिव दीपक ध्रुव ,अनिल कुमार साहू, मुन्ना लाल साहू, कुलेश्वर साहू ,गैंदराम साहू, दिलीप कुमार साहू ,उगेश कुमार साहू, पुजारी गोवर्धन यादव ,गोपाल साहु, हेमलाल साहू सहित पूरे मुरमुरा ग्रामवासी आदि जुटे हुए हैं वहीं जतमाई माता समिति द्वारा ग्राम गायडबरी, तौरेंगा , सांकरा गाड़ाघाट , कुरूद, राजनकटा, पीपरछेड़ी, मडेली के जनप्रतिनिधि सरपंचों को नवरात्र में संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। तथा साथ मे आस पास गांवो के ग्रामीण जन लगे हुए हैं। साथ ही दर्शनाथियो के लिए भर पेट निशुल्क कौशल्या भंडारे का व्वस्था भी किया जाता है।