राजस्थान। Crime News : अलवर जिले के सबसे चर्चित शिवाजी पार्क हत्याकांड मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने हत्याकांड में शामिल आरोपी संतोष उर्फ संध्या और उसके प्रेमी हनुमान को उम्रकैद की सजा सुनाई।
बता दें कि प्यार में रोड़ा बन रहे महिला के पति और बड़े बेटे को ही मारने का प्लान बनाया गया था।अलवर शहर में 6 साल पहले 2 अक्टूबर 2017 को महिला कोच ने प्रेमी के साथ मिलकर पति, 3 बेटों और एक भतीजे की गला काटकर हत्या कर दी थी। मामले में सोमवार को फैसला आया है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जज ने आरोपियों को दोषी मान लिया है। मामले में सजा मंगलवार को सुनाई जाएगी। सरकार की ओर से वकील अशोक शर्मा ने बताया कि शिवाजी पार्क मर्डर केस के मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या दो डॉ. रेणू श्रीवास्तव ने संतोष शर्मा और हनुमान उर्फ जैक धारा 302, धारा 460, धारा 120 बी व धारा 201 में दोषी माना है।
मगर बाद में आरोपी संतोष के सामने ही उसके ब्वॉयफ्रेंड हनुमान ने परिवार के 5 लोगों को जानवरों को काटने वाले छुरे से गला काटकर मारडाला। इतना ही नहीं परिवार के पांच लोगों की हत्या के बाद भी आरोपी संतोष रातभर लाशों के पास बैठी रही। इस मामले में पुलिस ने महिला, उसके प्रेमी समेत 4 लोगों को हिरासत में लिया था। 6 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी को दोषी माना। जिसके बाद आज मंगलवार को कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया। दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड का फैसला सुनाया गया।
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बता दें कि कठूमर के गांव गारू की संतोष शर्मा, उर्फ संध्या की शादी करीब 15 साल पहले अलवर के शिवाजी पार्क में रहने वाले बनवारी लाल शर्मा से हुई थी। शादी से दोनों के 3 बच्चे थे। पति की आय कम होने के चलते संतोष ताइक्वांडो की कोचिंग लेकर ट्रेनर बन गई थी।
साल 2014 में बच्चों को ताइक्वांडो की ट्रेनिंग के दौरान उदयपुर में वह हनुमान के संपर्क में आई। धीरे-धीरे दोनों की बीच नजदीकियां बढ़ी और बाद में दोनों चोरी छिपे धीरे-धीरे मिलने लगे। इसी दौरान दोनों के अफेयर की जानकारी संतोष के पति बनवारी और बेटे मोहित को पता चल गया। बाद में पति और बेटे ने संतोष के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी। इसके बाद ही दोनों ने मिलकर पति और बेटे मोहित को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। इसके बाद 2 अक्टूबर 2017 में महिला ने अपनी प्रेमी के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया। एक साथ 5 लोगों की हत्या से जिले में सनसनी फैल गई। पुलिस भी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। संतोष ने पुलिस को गुमराह करने के लिए पूरे परिवार पर ही हत्या का आरोप लगा दी थी।
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लेकिन सच तो आखिर सच ही होता है। जिसे छुपाया नहीं जा सकता। इसके बाद पुलिस ने कॉल डिटेल्स की मदद से इस हत्या की गुत्थी को सुलझाया। पुलिस की जांच में संतोष की कॉले डिटेल्स से हनुमान और फिर दीपक और कपिल के साथ इस हत्या के तार जुड़ते चले गए। जांच के बाद पुलिस ने हत्याकांड में शामिल चार और लोगों को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश किया। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया।