रायपुर, ।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माटीपुत्रों के फसल की पूरी कीमत देने हेतु प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने की घोषणा से किसानों में काफी उत्साह है। धमतरी जिले के ग्राम सोरम के किसान राजेन्द्र साहू का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि को लाभप्रद बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की हैं। समर्थन मूल्य पर 15 क्विंटल धान के स्थान पर अब 20 क्विंटल धान खरीदी की घोषणा से किसान काफी खुश हैं। यह किसानों की आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक पहल है।
साहू की तरह ही किसान डोरेलाल गंजीर और अर्जुन राम साहू ने भी प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल द्वारा किसानों के हित में योजनाएं संचालित करने और प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की घोषणा के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है।
छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान है और राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मेहनतकश किसान
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बघेल का मानना है कि छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान है और राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मेहनतकश किसान हैं। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने, खेती किसानी को प्रोत्साहित करने और कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने उद्देश्य से किसानों की ऋण माफी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना का शुभारंभ जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। साथ ही किसानों को इनपुट सब्सिडी का लाभ भी दिया जा रहा हैं। इन निर्णयों ने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान की है।
मुख्यमंत्री की ऐतिहासिक घोषणा के बाद वह 200 क्विंटल धान समिति में बेच सकेंगे
किसान राजेन्द्र साहू ने बताया कि उनके पास 10 एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें वे वर्षों से खेती करते आ रहे है। पहले वे अपनी उपज का सिर्फ 150 क्विंटल धान समिति में बेच पाते थे और बाकी फसल को मजबूरी में बिचौलियों, कोचियांे या दलालों के पास कम कीमत में बेचते थे। इससे उन्हें उनकी फसल का सही दाम नहीं मिल पाता था और आर्थिक नुकसान होता था। अब मुख्यमंत्री की ऐतिहासिक घोषणा के बाद वह 200 क्विंटल धान समिति में बेच सकेंगे, जिससे उनकी उपज का पूरा दाम मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में मुख्यमंत्री द्वारा किसानों का ऋण माफ किया गया था, जिसमें उनका 2 लाख का ऋण और 12 हजार रूपये का सिंचाई कर भी माफ हुआ था। कृषक साहू ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा फसल का सही दाम देने से प्रदेश के अन्य किसान भी शासन की योजनाओं से प्रभावित होकर आधुनिक कृषि की ओर अग्रसर हो रहे हैं।