देश के अन्य मंदिरों में जहां दिन भर माता रानी के दर्शन होते हैं, वहीं यहां सुबह 4 से 9 बजे तक यानी केवल 5 घंटे ही माता के दर्शन किए जा सकते हैं। केवल 5 घंटे के लिए खुलने वाले मंदिर में दर्शन करने हर साल हजारों लोग पहुंचते हैं। इस देवी मंदिर की विशेषता यह है कि यहां हर साल चैत्र नवरात्र के दौरान स्वत: ही ज्योति प्रज्वलित होती है। इस दैवीय चमत्कार की वजह से लोग देवी के प्रति अपार श्रद्धा रखते हैं।
मान्यता बिना तेल और घी के जलता है इस मंदिर में ज्योत
निराई माता का मंदिर जहाँ स्वयं प्रज्जवलित होती है ज्योत
निराई माता का मंदिर जिसकी खासियत यह है कि हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान देवी स्थल पहाड़ियों में अपने आप से ज्योत प्रज्वल्लित होती है. ज्योत कैसे प्रज्वल्लित होती है, यह आज तक एक रहस्य बना हुआ है.अपने आप प्रज्जवलित होने वाली ज्योत को लेकर लोगों की मान्यता है कि यह सब निराई देवी का ही चमत्कार है. इसलिए चैत्र नवरात्रि में पूरे नौ दिन तक बिना तेल के ही ज्योत जलती रहती है.
निराई माता का मंदिर जिसकी खासियत यह है कि हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान देवी स्थल पहाड़ियों में अपने आप से ज्योत प्रज्वल्लित होती है. ज्योत कैसे प्रज्वल्लित होती है, यह आज तक एक रहस्य बना हुआ है.अपने आप प्रज्जवलित होने वाली ज्योत को लेकर लोगों की मान्यता है कि यह सब निराई देवी का ही चमत्कार है. इसलिए चैत्र नवरात्रि में पूरे नौ दिन तक बिना तेल के ही ज्योत जलती रहती है.