उड़ीसा राज्य धोबी समाज का महा अधिवेशन नरसिंहनाथ मंदिर स्थित समाज के विशालकाय भवन में हुआ । अधिवेशन में छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग सलाहकार परिषद छत्तीसगढ़ शासन के सदस्य सूरज निर्मलकर सहित छत्तीसगढ़ के अनेक पदाधिकारी पहुंचे। छत्तीसगढ़िहा पदाधिकारियों के पहुंचते ही जय छत्तीसगढ़ के नारों से दर्शक दीर्घा गूंज उठा, मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे उड़ीसा सरकार में योजना एवं सांख्यिकी मंत्री राजेंद्र ढोलकिया ने भी छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया के नारे लगाकर छत्तीसगढ़ के समाज जनों का स्वागत किया। छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष सूरज निर्मलकर ने कहा- छत्तीसगढ़ और उड़ीसा दोनों की संस्कृति एक है और दोनों राज्यों के बीच धार्मिक महत्व है। छत्तीसगढ़ के देवभोग से देश के प्राचीन तीर्थ स्थल जगन्नाथ पुरी में चावल जाता है और वही के चावल से भगवान जगन्नाथ में भोग लगता है जिस कारण से बिंद्रा नवागढ़ को देवभोग के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने उड़ीसा राज्य के समाज जनों को राजधानी में प्रस्तावित राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने का आग्रह किया ताकि रोटी बेटी के लेनदेन में सुगमता लाई जा सके, दोनों राज्य के मुखिया बैठेंगे तो किसी भी प्रकार से रुकावट नहीं आएगी और सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उन्होंने उड़ीसा के मतदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा- छत्तीसगढ़िहा दिलीप निर्मलकर को उड़ीसा में प्रतिनिधित्व देकर छत्तीसगढ़िहा को कृतार्थ कर दिया है। हमारे छत्तीसगढ़ में भी उत्कल समाज के भाई-बहन सेवा का कार्य कर रहे हैं और हमारे छत्तीसगढ़ सरकार भी यथासंभव प्रतिनिधित्व दे रही है।
निर्मलकर ने उड़ीसा राज्य के कैबिनेट मंत्री से मांग करते हुए कहा- समाज जनों को अधिवेशन में शामिल होने छत्तीसगढ़ भिजवाने के लिए साधन की व्यवस्था मुहैया कराएं जिस पर कैबिनेट मंत्री राजेंद्र ढोलकिया ने हाथ उठाकर सहमति जताई। महाधिवेशन को उड़ीसा राज्य के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुमार सेठ ने जय कृष्ण सेठ, छत्तीसगढ़ के प्रदेश महामंत्री हेमंत निर्मलकर, संरक्षक धरमलाल निर्मलकर, दुर्ग जिला के अध्यक्ष गन्नु लाल रजक सहित अनेक पदाधिकारियों ने संबोधित किया। इस अवसर पर उत्कल रजक पुस्तिका जिसमें विवाह योग्य बेटा बेटी का विवरण तथा समाज के पदाधिकारियों की जीवनी उल्लेखित है जिसका विमोचन किया गया।