चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन 28 मार्च 2023 को मां दुर्गा का सबसे शक्तिशाली स्वरूप देवी कालरात्रि की पूजा होगी. कालों की काल मां कालरात्रि ने शुंभ, निशुंभ के साथ रक्तबीज का संहार करने के लिए अवतार लिया था. मां कालरात्रि की उपासना तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण मानी गई है।
मां कालरात्रि पूजा विधि (Maa Kalratri Puja Vidhi)
काल का नाश करने वाली मां कालरात्रि की पूजा मध्यरात्रि(निशिता काल मुहूर्त) में शुभफलदायी मानी गई है. देवी कालरात्रि को कुमकुम का तिलक करें. लाल मौली, गुड़हल या रात रानी के पुष्प चढ़ाए. मां कालरात्रि को गुड़ का प्रसाद अति प्रिय है. ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।’ का यथाशक्ति जाप करें. अंत में कपूर की आरती करें फिर गुड़ के भोग का एक हिस्सा ब्राह्मणों और दूसरा परिवारजनों को बांट दें।
मां कालरात्रि के उपाय (Maa Kalratri Upay)
रात्रि के समय लाल रंग के वस्त्र पहनकर मां कालरात्रि के समक्ष दीपक जलाएं. 11 नींबुओं की माला और गुड़हल की फूल की माला पहनाएं . अब 108 बार देवा कालरात्रि के सिद्ध मंत्र ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।’ का जाप करें. हर मंत्र के बाद एक लौंग देवी को अर्पित करते जाएं. अंत में सभी लौंग अग्नि में डाल दें. मान्यता है इससे दुश्मन शांत होगा और कोर्ट कचहेरी के मामले में स्थितियां आपके पक्ष में रहेंगी.
चैत्र शुक्ल सप्तमी तिथि समाप्त – 28 मार्च 2023, रात 07.0
लाभ (उन्नति) – सुबह 10.54 – दोपहर 12.26
निशिता काल मुहूर्त – मध्यरात्रि 12.03 – प्रात: 12.49
द्विपुष्कर योग – सुबह 06.16 – शाम 05.32
सौभाग्य योग – 27 मार्च 2023, रात 11.20 – 28 मार्च 2023, रात 11.36
मां कालरात्रि के मंत्र (Maa Kalratri Mantra)
क्लीं ऐं श्रीं कालिकायै नम:
‘ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।’