सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने हेट स्पीच मामले पर सुनवाई की।
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शाहीन अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट ( supreme court)में याचिका दायर करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट राज्यों को कई बार हेट स्पीच पर लगाम लगाने के आदेश दे चुका है। इसके बावजूद हिंदू संगठनों की हेट स्पीच पर लगाम लगाने में महाराष्ट्र सरकार विफल रही है। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए। रिपोर्ट्स( as per reports) के मुताबिक, पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील निजामुद्दीन पाशा ने कोर्ट में कहा कि महाराष्ट्र पुलिस को एक हिंदू संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वाजपेयी और नेहरू को याद कीजिए, जिन्हें सुनने के लिए लोग दूर-दराज से इकट्ठा होते थे
जस्टिस बीवी नागरत्ना ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी की मिसाल देते हुए कहा, ‘वाजपेयी और नेहरू को याद कीजिए, जिन्हें सुनने के लिए लोग दूर-दराज से इकट्ठा होते थे। हम कहां जा रहे हैं?’
सिर्फ FIR से नहीं होगा समाधान : SC
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केरल में एक शख्स द्वारा दूसरे समुदाय के बारे में अपमानजनक टिप्पणी किए जाने का उदाहरण देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने देश में नफरती भाषणों का उदाहरण सेलेक्टिव ढंग से दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मंगलवार को भी हेट स्पीच के मामले में सुनवाई करते सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था कि सरकार की तरफ से नफरती भाषणों के मामलों में एफआईआर दर्ज करने के बाद क्या कार्रवाई की गई है?