1 अप्रैल से इनकम टैक्स( tax) से लेकर एलपीजी प्राइस तक बड़े बदलाव होने वाले हैं. आइए जानते हैं आज से क्या-क्या बदल जाएगा
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बजट 2023 में टैक्स स्लैब को रिवाइज्ड किया गया था. नई कर व्यवस्था के तहत ये बदलाव किया गया है. अब 3 लाख तक कोई टैक्स नहीं, 3 से 5 लाख की इनकम पर पांच प्रतिशत, 6 से 9 लाख पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख के बीच 20 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा।
टैक्स छूट को 12,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया
नई टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A के तहत टैक्स छूट को 12,500 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है. हालांकि, नई रिजीम के तहत सात लाख रुपये तक की कमाई पर जीरो टैक्स का लाभ लेने वाले को 80C के तहत मिलने वाली छूट का फायदा नहीं मिलेगा.
एक्सप्रेस वे पर सफर करना महंगा
एक अप्रैल से देश के हाइवे और एक्सप्रेसवे पर सफर करना महंगा हो सकता है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर आज से करीब 10 फीसदी टोल टैक्स में बढ़ोतरी हो गई है. मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर भी टोल की दर बढ़ाने का ऐलान हो चुका है. इस एक्सप्रेसवे पर अब सफर करने के लिए 18 फीसदी अधिक टोल चुकाना होगा।
ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य
एक अप्रैल 2023 यानी आज से गोल्ड की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है. आज से सिर्फ 6 अंक वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य होंगे. 4 अंकों के हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन वाली ज्वैलरी की बिक्री अब नहीं हो सकेगी.
स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में इजाफा
एक अप्रैल 2023 से स्मॉल सेविंग में निवेश करने वालों को डिपॉजिट पर अधिक ब्याज मिलेगा. सरकार ने अप्रैल-जून 2023 की तिमाही के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया है. छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 70 बेसिस प्वाइंट (BPS) का इजाफा किया है।
महिलाओं के लिए नई स्कीम
आज से सरकार महिलाओं के लिए ‘महिला सम्मान सेविंग’ स्कीम की शुरुआत कर रही है. महिला सम्मान सेविंग स्कीम को महिला या लड़कियों के नाम पर लिया जा सकता है. यह वन टाइम स्कीम है और 2023-2025 के बीच दो साल की अवधि के लिए ही निवेश के लिए उपलब्ध होगी।
म्यूचुअल फंड्स में बदलाव
नए फाइनेंसियल ईयर यानी एक अप्रैल से डेट म्यूचुअल फंड्स में किए गये निवेश पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स के तहत टैक्स लगेगा. सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स को खत्म कर दिया है. 36 महीने से पहले डेट म्यूचुअल फंड के रिडिम के बाद अगर कोई यूनिट्स की सेल करता है, तो होने वाले मुनाफे पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स लगता है।