केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल कॅरिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसमें 12वीं की बोर्ड परीक्षा को दो टर्म में लेने का प्रस्ताव है।
सीबीएसई ने मूल्यांकन तरीके में बदलाव करते हुए 2024 की बोर्ड परीक्षाओं में मल्टीपल च्वाइस क्वेश्चन (एमसीक्यू) ज्यादा संख्या में पूछने और शॉर्ट और लाॅन्ग आंसर प्रश्नों का वेटेज कम करने का फैसला किया है। बोर्ड ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मद्देनजर यह कदम उठाया है, ताकि स्टूडेंट्स रट्टामार पढ़ाई न करें। वर्ष 2023-24 की 10वीं की बोर्ड परीक्षा में एमसीक्यू का पेपर में वेटेज 50% होगा, जबकि 12वीं में 40% होगा।
परीक्षाओं के स्वरूप में बदलाव का भी यह पहला प्रयास नहीं
कोरोना के दौरान बोर्ड परीक्षा दो हिस्सों में ली गई थी, अब उसी व्यवस्था को स्थायी बनाया जाएगा। नया फ्रेमवर्क सत्र 2024-25 से लागू हो सकता है।अब तक 1975, 1988, 2000 और 2005 में कॅरिकुलम फ्रेमवर्क बन चुका है। बोर्ड परीक्षाओं के स्वरूप में बदलाव का भी यह पहला प्रयास नहीं है। इससे पहले 2009 में 10वीं के लिए सतत एवं समग्र मूल्यांकन पद्धति लागू की गई थी, लेकिन 2017 में उसे वापस ले लिया गया।