नई दिल्ली। BIG NEWS : चंडीगढ़ स्टेट कंज्यूमर कमीशन ने ट्रेन यात्रियों के हक में एक अहम फैसला सुनाया है. कमीशन ने कहा है कि अगर ट्रेन के आरक्षित डिब्बे में यात्री का सामान चोरी हो जाए तो यात्री के चोरी हुए सामान की भरपाई रेलवे को करनी होगी. ट्रेन में हुई स्नैचिंग की एक वारदात के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराते हुए रेलवे को यात्री को सामान की कीमत अदा करने का आदेश दिया है. साथ ही 50 हजार रुपये हर्जाने के तौर पर भी रेलवे को देने होंगे.
चंडीगढ़ के सेक्टर-28 निवासी एक व्यक्ति रामबीर की शिकायत पर कंज्यूमर कोर्ट ने यह आदेश दिया है. रामबीर की पत्नी का पर्स अंबाला रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति छीन कर ले गया था. पर्स में पैसे और कीमती सामान था. रामबीर परिवार के साथ चंडीगढ़ से दिल्ली जा रहे थे. रामबीर ने पहले डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कोर्ट में रेलवे के खिलाफ वाद दायर किया था. लेकिन, वहां उनके मामले को खारिज कर दिया गया. जिला उपभोक्ता अदालत के आदेश के खिलाफ रामबीर ने स्टेट कंज्यूमर कमीशन में अपील की थी.
आरक्षित डिब्बे में घूम रहे थे संदिग्ध लोग
रामबीर ने बताया कि उन्होंने रेलवे वेबसाइट से गोवा संपर्क क्रांति ट्रेन में टिकट बुक कराया था. 5 नवंबर 2018 को जब ट्रेन जब चंडीगढ़ से रवाना हुई तो उन्होंने देखा कि रिजर्व कोच में कुछ संदिग्ध लोग इधर-उधर घूम रहे थे. उन्होंने इसकी सूचना टीटीई को दी. लेकिन, टीटीई ने उनकी बात पर गौर नहीं किया. जैसे ही अंबाला रेलवे स्टेशन आया तो उन संदिग्ध लोगों में से एक उनकी पत्नी का पर्स छीनकर चलती ट्रेन से कूदकर फरार हो गया.
रेलवे को देने होंगे 1.08 लाख रुपये
कंज्यूमर कमीशन ने रेलवे को इस मामले में दोषी ठहराते हुए कहा कि ट्रेन में यात्री और सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की है. कमीशन ने रेलवे को रामबीर को उनके छीने गए सामान के 1.08 लाख रुपये और हर्जाने के तौर पर 50 हजार रुपये देने का आदेश दिया. गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि रेलवे को सामान चोरी होने पर जिम्मेदार ठहराया गया है.
छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता फोरम ने भी जनवरी 2023 में अपने एक फैसले में एसी कोच में यात्री का सामान चोरी होने पर रेलवे को क्षतिपूर्ति करने का आदेश दिया था. उपभोक्ता फोरम ने अपने फैसले में कहा था कि रिजर्व कोच में अनाधिकृत लोगों का प्रवेश रोकना टीटीई और अटैंडेंट की जिम्मेदारी है. अगर उनकी लापरवाही से यात्री को नुकसान होता है, तो इसके लिए रेलवे जिम्मेदार है.