रिपोर्टर –नागेश तिवारी
फिंगेश्वर- छत्तीसगढ़ की मुख्य फसल धान का है, लेकिन बीते 10 से 15 सालों में किसानों द्वारा रबी सीजन में दलहन तिलहन की फसल छोड़कर धान की फसल अपनाने के कारण बोरवेल के माध्यम से लगातार भूजल का दोहन हो रहा हैं। नतीजतन 40 फिट में मिलने वाले पानी के स्रोत आज वर्तमान समय में लगभग 100 फिट में पानी का स्रोत मिल रहा है। लिहाजा रबी सीजन में धान की सिंचाई के लिए खेतों में खोदे गए बोरवेल में पानी की धार पतली होने के साथ साथ ब्लॉक के विभिन्न क्षेत्रों के गांवो में बोरवेल पूरी तरह सूख गया है। जहां से सिंचाई के लिए पानी निकलना पूरी तरह बंद हो गया है। जहां धान की फसल पानी सिंचाई के अभाव में झुलस कर दम तोड़ रही हैं।
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ऐसे ही ब्लॉक के ग्राम सरकड़ा, बोरिद, जामगांव, सरगोड़-भेंड़री, पतोरी, पतोरा, परतेवा, कोमा, किरवई आदि गांवो के लगभग आधे से ज्यादा कृषि भूमि क्षेत्रों में भूजल स्तर पूरी तरह सूख गया है। वही जिन क्षेत्रों में बोरवेल चल रहा है, उन बोरवेल से भी धार पतली हो गई हैं। जो पूरी तरह धान की फसल को पकाने में सक्षम नहीं दिख रहे हैं।
10 से 15 वर्षो में रबी फसल पर बोरवेल से सिंचित धान फसल का रकबा काफी बढ़ा
रबी में धान की फसल का रकबा बढ़ने से गिर रहा वॉटर लेबल- पिछले 10 से 15 वर्षो में रबी फसल पर बोरवेल से सिंचित धान फसल का रकबा काफी बढ़ा है। 10 से 15 वर्ष पहले क्षेत्र में 40 से 50 फिट में पर्याप्त पानी का स्रोत था। जो आज गिर कर 90 से 100 फिट की गहराई में पानी का स्रोत मिल रहा है। अनेक जगह तो ऐसे भी है कि 150 फिट गहराई में पानी का स्रोत हैं। इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले 10 वर्षो में क्या स्थिति निर्मित हो सकती हैं। वही कुछ बड़े किसान अपनी खेतो में बोर करा कर छोटे किसानों को पानी बेच रहा है। कुछ लोग ऐसे भी है, जो कृषि कार्य नही करते है। वे सिंचाई के लिए पानी से पैसे कमाने के उद्देश्य से बोर कराकर दूसरे किसानों को पानी बेच रहे हैं। शासन प्रशासन जल्द ही इस पर कोई ठोस पहल नही किया तो आने वाले दिनों में समस्या और भी विकराल हो सकता है।
दलहन तिलहन के लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा
इस संबंध में वरिष्ठ कृषि विकाश अधिकारी बीआर साहू ने बताया कि दलहन तिलहन के लिए किसानों को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। कुछ क्षेत्र के किसान दलहन तिलहन की फसल लेना शुरू कर भी दिए हैं। जिन क्षेत्रों में अभी भी धान की फसल लिया जा रहा है। उस क्षेत्र के किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर दलहन तिलहन की फसल लगाने प्रेरित किया जा रहा है। अगर किसान रबी सीजन में दलहन तिलहन की फसल लेते हैं तो इससे किसानों को ही सभी तरफ से फायदा होगा। वही इस वर्ष मिलेट्स योजना के तहत ब्लॉक के 400 हेक्टेयर में रागी की फसल किसानों द्वारा लगाई गई है। जिससे धान की अपेक्षा निश्चित ही किसानों को फायदा होगा।