Chat GPT: आजकल चैट जीपीटी की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, इस एआई बेस्ड चैटबोट की खास बात ये है कि इसमें कोई भी सवाल पूछा जाए तो ये जवाब दे देता है. दावे तो यहां तक किए जा रहे हैं कि ये इतना एडवांस है कि इससे कई नौकरियां भी जा सकती है. खैर, वो बातें तो बाद की हैं. एआई फैक्ट आधारित सवालों के जवाब तो आसानी से दे देता है और अधिकतर जवाब सही भी होते हैं. लेकिन, अब जानते हैं कि दिल के मामलों का चैट जीपीटी कैसे जवाब देता है.
ऐसे में हमनें चैट जीपीटी से पूछा कि आखिर कब नफरत में बदल जाती है मोहब्बत? तो चैट जीपीटी ने कुछ ही सेकेंड का टाइम लिया और जवाब दे दिया कि आखिर किस तरह मोहब्बत नफरत में बदल जाती है. तो आपको बताते हैं कि चैट जीपीटी के हिसाब से किन वजह से मोहब्बत, नफरत में बदल जाती है.
ये है चैट जीपीटी का जवाब:-
‘विश्वासघात: अगर किसी रिश्ते में विश्वासघात होता है तो वह मोहब्बत से नफरत में बदल सकता है. विश्वासघात एक रिश्ते में बड़ा तोड़ होता है जो उस रिश्ते के बीच विश्वास का नुकसान करता है.
झगड़े: झगड़े भी मोहब्बत से नफरत में बदल सकते हैं. एक रिश्ते में जब लोग एक दूसरे के साथ झगड़ा करते हैं, तो वह उनके बीच की दूरी को बढ़ाता है.
आतंकवाद और विरोध: जब दो लोग एक दूसरे की विचारधारा से बिल्कुल अलग होते हैं और उनकी आत्मिक मानसिकता भी अलग होती है तो उनमें नफरत पैदा होती है.
निष्ठुरता: एक रिश्ते में असंवेदनशीलता और निष्ठुरता भी नफरत को बढ़ाती है. असंवेदनशीलता का मतलब है कि एक व्यक्ति दूसरों की भावनाओं का ख्याल नहीं रखता और निष्ठुरता का मतलब है कि वह दूसरों को अनुचित तरीके से व्यवहार करता है.
संयोगवश: कुछ समय ऐसे भी होते हैं जब दो लोग एक दूसरे से संयोगवश बिना किसी वजह के नफरत करने लगते हैं. इस मामले में, दोनों के बीच आपसी समझबूझ करने से रिश्ता बचाया जा सकता है.
असंतोष: असंतोष भी एक बड़ा कारण हो सकता है, जो कि मोहब्बत से नफरत में बदल सकता है. अगर कोई अपने साथी से खुश नहीं है और उसके लिए बार-बार शिकायत करता है, तो यह उसके साथी के द्वारा असंतोष को बढ़ा सकता है और नफरत को बढ़ा सकता है.
असहयोग: जब दो लोग एक दूसरे के साथ असहयोग करते हैं और उनमें एकदम समानता नहीं होती है, तो वह रिश्ता खराब होने के संकेत देता है. यह असहयोग उनमें दूरी को बढ़ाता है और नफरत को बढ़ा सकता है.
मोहब्बत को संभालना मुश्किल हो सकता है, लेकिन ये असंभव नहीं
साथ ही चैट जीपीटी का कहना है कि मोहब्बत को नफरत में बदलने से रोकने के लिए, व्यक्ति को दूसरे के साथ उचित तरीके से संवाद करते रहना चाहिए और अपनी बात को समझाने के लिए विवेकपूर्ण तरीके का उपयोग करना चाहिए. कभी-कभी दो लोगों के बीच आपसी समझबूझ नहीं होती है और इससे मोहब्बत नफरत में बदल जाती है. मोहब्बत को संभालना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है. सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि आप दूसरे व्यक्ति से उचित संवाद रखें और उनकी बातों को सुनें.’