भारत में पहली बार अंडर वाटर ट्रेन चली है। यह ट्रेन बुधवार को पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के नीचे से होकर कोलकाता से हावड़ा पहुंची। मेट्रो रेल के जीएम पी उदय कुमार रेड्डी ने इस ट्रेन में महाकरन से हावड़ा मैदान के बीच सफर किया।
कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC) के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि मेट्रो रेल के साल्ट लेक डिपो से एस्प्लेनेड तक एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच ईस्ट बॉन्ड टनल के माध्यम से 2 ट्रेनें ट्रायल पर चलेंगी, जिनमें फिलहाल 6 कोच होंगे। रेड्डी ने कहा कि अगले कुछ महीनों तक ट्रायल किया जाएगा।
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Kolkata Metro creates History!For the first time in India,a Metro rake ran under any river today!Regular trial runs from #HowrahMaidan to #Esplanade will start very soon. Shri P Uday Kumar Reddy,General Manager has described this run as a historic moment for the city of #Kolkata. pic.twitter.com/sA4Kqdvf0v
— Metro Railway Kolkata (@metrorailwaykol) April 12, 2023
हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की जुड़वां सुरंग
हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की जुड़वां सुरंग में बना यह अंडरवाटर ट्रेन का ट्रैक 4.8 किलोमीटर लंबा है। इस मेट्रो की सुरंग को बनाने में करीब 120 करोड़ रुपए का खर्च आया है। इस पर बीते एक साल से काम चल रहा था। कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC ) सियालदह से एस्प्लेनेड के बीच 2.5 किलोमीटर के ट्रैक का काम पूरा होने का इंतजार कर रहा है, इसके बाद ही इस पर रेगुलर ट्रेन शुरू की जाएगी।
मेट्रो ट्रेन पानी के नीचे चलने वाली लिस्ट में शामिल
सियालदह से एस्प्लेनेड तक ट्रेनों को बैटरी इंजन से चलाया जाएगा, क्योंकि इसमें पटरियों पर इलेक्ट्रिफिकेशन नहीं किया गया है। कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC ) ने बताया है कि अगले कुछ महीने में ट्रेन नियमित चलने लगेगी। इसके साथ ही भारत भी उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जहां मेट्रो ट्रेन पानी के नीचे चलती है।
कोलकाता में ही चली थी देश की पहली मेट्रो
बता दें कि देश की पहली मेट्रो सर्विस भी साल 1984 में कोलकाता में ही शुरू हुई थी। इसके बाद दूसरी मेट्रो साल 2002 में दिल्ली में चलाई गई थी। अब कई शहरों मेट्रो सर्विस शुरू हो चुकी है।